मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने मध्यप्रदेश के युवाओं के लिए बड़ी घोषणा की है, जिसके तहत अब मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी सिर्फ मध्यप्रदेश के युवाओं को ही दी जाएगी। इससे दूसरे राज्यों से उम्मीदवार सरकारी नौकरी में शामिल नहीं हो सकेंगे। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश के एक लाख से ज्यादा उम्मीदवार को अगले एक-दो साल में आसानी से सरकारी विभागों में नौकरी मिल जाएगी।
मध्यप्रदेश के लगभग सभी विभागों में खाली पद हैं। अब खाली पदों पर भर्तियां शुरू होनी है। प्रदेश सरकार ने हाल ही में जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा निकाली है, इस भर्ती परीक्षा के आवेदन बुलाए जाने के बाद से उम्मीदवार बिहार की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी सरकारी नौकरी में प्रदेश के उम्मीदवारों को मौका दिए जाने की मांग कर रहे थे। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने सरकारी नौकरी में प्रदेश के उम्मीदवारों को मौका दिए जाने की घोषणा की है। इसके तहत सरकार जल्द ही नियम बनाएगी। गौरतलब है कि अभी प्रदेश में सभी सरकारी विभाग सुरक्षा एजेंसी के भरोसे चल रही है। प्रदेश के कॉलेज, विश्वविद्यालय, वन विभाग, बिजली विभाग समेत सभी विभागों में सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से आउटसोर्स वाले काम कर रहे हैं। इन विभागों में अब जल्द ही भर्तियां होना है। अगर सभी विभागों में भर्तियां होती है तो प्रदेश के एक लाख से ज्यादा बेरोजगार को आसानी से नौकरी मिल जाएगी।
मध्य प्रदेश का बिजली विभाग तो पूरी तरह से आउटसोर्सिंग पर चल रहा है। मध्यप्रदेश में यह व्यवस्था वर्ष 2003 से शुरू हुई है। यहां भी एक सिरे से भर्ती होने पर 30 हज़ार बेरोजगारों को मौका मिल सकता है। प्रदेश के ज्यादातर विश्वविद्यालय अभी आउटसोर्सिंग से चल रहे हैं। भोज विश्वविद्यालय, हिंदी विश्वविद्यालय, ग्वालियर विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालय में सुरक्षा, साफ-सफाई से लेकर मूल्यांकन और परीक्षण तक के काम आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से करवाया जा रहा है। इन शिक्षण संस्थानों में 5000 से ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत है। वन विभाग में सालों से भर्ती नहीं हुई है। कर्मचारियों की पदोन्नति अटकी है। वन विभाग के दफ्तरों से लेकर मंडल में अफसरों तक में आउटसोर्सिंग से कंप्यूटर ऑपरेटर रखे गए हैं। यहां करीब दो हज़ार कंप्यूटर ऑपरेटर आउटसोर्सिंग वाले हैं। यहां भी भर्ती होना है।
हमीदिया, जेपी ऐम्स से लेकर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल में भी आउटसोर्सिंग वाले कर्मचारी काम कर रहे हैं। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अभी आउटसोर्सिंग वाले 15 से 20 हज़ार कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसके अलावा नगर निगम जिला प्रशासन सहित अन्य कई विभागों में 40 से 50 हजार पद खाली हैं।
आंकड़ों पर एक नजर
विभाग – रिक्त पद
बिजली – 30,000 कर्मचारी
विश्वविद्यालय – 5000 से ज्यादा कर्मचारी
नगर निगम – 25000 से ज्यादा कर्मचारी
स्वास्थ्य विभाग – 20,000 से ज्यादा कर्मचारी
जिला प्रशासन – 10,000 से ज्यादा कर्मचारी
वन विभाग – 2000 से ज्यादा कर्मचारी