भिखारी गिरोह की पड़ताल में हैदराबाद पहुंची एसआईटी

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भोपाल। भिखारी गिरोह की पड़ताल के लिए एसआईटी टीम कल हैदराबाद पहुंच गई है। जहां गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों के परिजनों से पूछताछ की जा रही है। एसआईटी सूत्रों की माने तो आरोपियों के परिजन अति गरीब हैं और उन्होंने बताया कि गुरबत के कारण भिखारी बन गए है। टीम को फिलहाल मानव तस्करी जैसे कोई साक्ष नहीं मिले हैं। बरामद सभी बच्चे आरोपियों तथा उनके रिश्तेदारों के हैं। वहीं बाल कल्याण समिति ने बुधवार को भिखारी गिरोह से रेस्क्यू किए गए बच्चों के बयान लिए। समिति ने काउंसलर की मदद से 20 बच्चों की काउंसलिंग भी की। वहीं भिखारी गिरोह में शामिल 5 वर्ष से कम उम्र के 24 बच्चों से मिलने के लिए समिति के सदस्य गुरुवार को जेल पहुंचे थे।

दरअसल, जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी नेे निर्देश दिए थे कि मां के साथ जेल में रह रहे बच्चों को समिति के सामने पेश नहीं किया जाएगा, बल्कि समिति जेल में जाकर उनसे मिलेगी। वहीं संबंधित बच्चों के दस्तावेजों का मिलान करके बयान लेगी और उनकी काउंसलिंग करेगी। इधर, भिखारी गिरोह में मिले बच्चों के संबंध में तैयार की गई एसआईटी की दो टीमों में से एक टीम कानपुर पहुंच गई है। उसने गिरोह से रेस्क्यू किए गए बच्चों के संबंध में जांच शुरू कर दी है। दोनों टीमें भोपाल लौटकर जांच करके रिपोर्ट बाल कल्याण समिति को सौंपेगी। हाईकोर्ट द्वारा गठित जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी ने बाल कल्याण समिति को स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं कि गिरोह में पकड़े गए बच्चों को केवल दस्तावेज के आधार पर न छोड़ा जाए। इसकी गहनता से जांच, साक्ष्य और पुख्ता सबूत के बाद बच्चे उनके परिजनों को सौंपे जाएं। वहीं जिन बच्चों के संबंध में थोड़ा भी संदेह लगता है उनका डीएनए कराया जाए। इधर बाल कल्याण समिति ने निदेर्शों का पालन करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। रेस्क्यू किए गए बच्चों को विभिन्न बालगृहों में भेजा जा रहा है। बुधवार को बाल कल्याण समिति के सामने 18 बच्चों को पेश किया गया। समिति ने बच्चों के बयान दर्ज किए। 


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