समाज सेवी संस्था “सर्व सिद्धा फांउडेशन” के 30 वर्ष पूरे, ममता तिवारी की छोटी नज़्मों की काव्य मंजूषा “सुबह सलामत” एवं “शब-बखैर” का लोकार्पण

स्व. डॉ. आर.एस. तिवारी द्वारा शुरू की गई समाजसेवी संस्था के तीस वर्ष पूर्ण होने पर कला बोध सम्मान पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

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BHOPAL NEWS:  समाज सेवी संस्था “सर्व सिद्धा फांउडेशन” के हुये 30 वर्ष पूरे हो गए, इस मौके पर ममता तिवारी की छोटी नज़्मों की काव्य मंजूषा “सुबह सलामत” एवं “शब-बखैर” का लोकार्पण किया गया।

दिए गए स्मृति चिन्ह
स्व. डॉ. आर.एस. तिवारी द्वारा शुरू की गई समाजसेवी संस्था के तीस वर्ष पूर्ण होने पर कला बोध सम्मान पुरस्कार विनय उपाध्याय, सीमा रायजादा उत्कृष्ट साधना सम्मान विशाल सिंह प्रशस्त को युवा मंच सम्मान (अंजय तिवारी स्मृति) प्रदान किये गये।

बच्चों को सम्मानित किया गया 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संतोष चौबे, अध्यक्ष राजीय वर्मा, प्रमुख वक्ता अशोक निर्मल, आलोक त्यागी रहे। श्रीकांत आप्टे ने पेंट ब्रश से कविता पोस्टर का एलबम तैयार किया जिसे लोकार्पित किया गया। संस्था के सभी बच्चों को सम्मानित किया गया।

ममता तिवारी की दो काव्य मंजूषा

वरिष्ठ साहित्यकार ममता तिवारी की दो काव्य मंजूषा जिसमें तीन लाइन की नज़्में है “सुबह सलामत” और शब-बखैर को लोकार्पित किया गया ये पुस्तकें मंजुल प्रकाशन से निकली है। पुस्तकें उनकी “यू ट्यूब” और “इंस्टा पर प्रसारित होने वाली नज़्मों से तैयार की गई है ममता जी ने सुबह सलामत से पढ़ा “मैं देने के गौरव से मुस्कुराती रही, हकीकत में जिसने दिया लिया….. यो मेरे घमंड पर ठहाके लगाता रहा। वहीं विनय उपाध्याय ने उनकी संगत करते हुये शब-बखैर से पढ़ा “सारी रात लिखती रही तुझे, सारी रात पढ़ता रहा तू मुझे जिंदगी फना हो जाये यूँ ही लिखते पढ़ते। कार्यक्रम का संचालन गजलकार रंगकर्मी बद वास्ती ने किया।

 


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Sushma Bhardwaj

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