MP में 19 मई से लगेंगे विशेष शिविर, वेतन निर्धारण, पेंशन और सेवानिवृत्ति संबंधी प्रकरणों का होगा निराकरण, आदेश जारी

प्रकरणों पर निराकरण नहीं होने पर लम्बित आवेदन और न्यायालयीन प्रकरण निर्मित होने पर संबंधित संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

MP School : मध्य प्रदेश के स्कूलों में इन दिनों ग्रीष्मकालीन अवकाश चल रहा है, शिक्षण कार्य बंद है इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग ने इस अवकाश अवधि का अलग तरह से लाभ उठाने का मौका शिक्षकों को दिया है, विभाग ने शिक्षकों की विभिन्न समस्यायों के निराकरण के लिए विशेष शिविर लगाने का फैसला लिया है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश में ग्रीष्मकालीन अवकाश की समाप्ति तक की अवधि में संभाग और जिला स्तर पर समस्याओं के निराकरण के लिये 19 मई से शिविर लगाने का फैसला किया है। शिविर में किये जाने वाले कार्यों के संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी किये हैं।

इन समस्याओं का होगा निराकरण 

आदेश के मुताबिक शिविर में क्रमोन्नति वेतनमान, समयमान वेतनमान, वेतन वृद्धि, सेवा अभिलेखों के अपडेटेशन पर विशेष कार्य किया जायेगा। इसके साथ ही आगामी 3 वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों के वेतन निर्धारण का कोष एवं लेखा द्वारा परीक्षण किया जाकर वसूली योग्य प्रकरणों में सेवा से पूर्व वसूली का निर्धारण किया जायेगा।

जिला और संभागीय कार्यालयों को निर्देश 

शिविर में पेंशन और अन्य लम्बित स्वत्वों का निराकरण, अन्य लम्बित अभ्यावेदनों का निराकरण किया जायेगा। जिला और संभागीय कार्यालयों को 30 मई तक समय-सारणी का निर्धारण संबंधित संयुक्त संचालक के मार्गदर्शन में किये जाने के लिये कहा गया है। समय-सारणी की सूचना लोक शिक्षण संचालनालय को दिये जाने के लिये कहा गया है।

वीडियो कॉन्फ्रेंस से होगी समीक्षा

शिविरों में होने वाली प्रतिदिन की कार्यवाही की 5 जून तक प्रति कार्य-दिवस वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भोपाल से समीक्षा की जायेगी। प्रकरणों पर निराकरण नहीं होने पर लम्बित आवेदन और न्यायालयीन प्रकरण निर्मित होने पर संबंधित संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे। लम्बित प्रकरणों के संबंध में आवेदक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और संयुक्त जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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