दिव्यांग यात्रियों के लिए किराये में 25% से 75% तक की विशेष छूट, भोपाल मंडल द्वारा अब तक जारी किए गए 1315 दिव्यांग रियायत कार्ड, जानिए कैसे उठाएं लाभ

रेल्वे का प्रयास है कि दिव्यांगजन यात्रियों को सहज, पारदर्शी और सरल प्रक्रिया के माध्यम से रेलवे की सुविधाओं का लाभ मिले। रियायत कार्ड बनने की प्रक्रिया को सरल बनाकर हम उनकी यात्रा को अधिक सम्मानजनक और आत्मनिर्भर बना रहे हैं।

भारतीय रेलवे, विशेष रूप से भोपाल मंडल, दिव्यांग यात्रियों को सुलभ, सुरक्षित और किफायती यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। भोपाल मण्डल में नवंबर 2023 से अब तक कुल 1315 दिव्यांग रियायत कार्ड जारी किए जा चुके हैं। यह पहल दिव्यांगजनों को मुख्यधारा से जोड़ने तथा उन्हें रेल यात्रा में अधिक सुविधा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

दिव्यांग रियायत प्रमाणपत्र के प्रारूप में बदलाव  अब दृष्टिहीन यात्रियों के लिए अलग प्रारूप

भोपाल मंडल दिव्यांग सेल की प्रभारी डॉ. ज्योति तिवारी के अनुसार, रेलवे द्वारा दिव्यांग यात्रियों को 25% से लेकर 75% तक किराये में छूट प्रदान की जाती है। यह छूट विशेष रूप से दृष्टिहीन, मानसिक रूप से अस्वस्थ, श्रवण एवं वाणी बाधित तथा ऑर्थोपेडिकली हैंडिकैप्ड यात्रियों के लिए लागू है। पूर्व में इन चारों श्रेणियों के लिए रेलवे रियायत प्रमाणपत्र हेतु एक ही प्रारूप (फॉर्म) का उपयोग होता था। परन्तु वर्ष 2025 से रेलवे ने दृष्टिहीन यात्रियों के लिए अलग प्रारूप (एनेक्सचर-1) तथा मानसिक रूप से अस्वस्थ, श्रवण एवं वाणी बाधित तथा ऑर्थोपेडिकली हैंडिकैप्ड यात्रियों के लिए अलग प्रारूप (एनेक्सचर-2) जारी किया है। विशेष रूप से अब दृष्टिहीनता की 90% या उससे अधिक स्तर पर भी रियायत का प्रावधान किया गया है, जो दृष्टिबाधित यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत है।

सुविधा ई-टिकट बुकिंग पर भी उपलब्ध

महत्वपूर्ण बात यह भी है कि यदि दिव्यांग यात्री के साथ एक सहयोगी (एस्कॉर्ट) यात्रा करता है, तो उसे भी समान रियायत मिलती है। जारी किए गए रियायत कार्ड की जानकारी रेलवे के सॉफ़्टवेयर में अपडेट कर दी जाती है, जिससे टिकट बुकिंग के समय कार्ड की फोटो कॉपी प्रस्तुत कर आसानी से छूट का लाभ लिया जा सकता है। यह सुविधा ई-टिकट बुकिंग पर भी उपलब्ध है।

दिव्यांग रियायत कार्ड बनवाने की प्रक्रिया

अब दिव्यांगजन आसानी से ऑनलाइन माध्यम से रियायत कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज हैं:
* जिला चिकित्सा अस्पताल द्वारा जारी दिव्यांग प्रमाणपत्र (डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट)
* रेलवे रियायत प्रमाण पत्र जो कि पश्चिम मध्य रेल के अंतर्गत आने वाले सरकारी अस्पताल से जारी किया गया हो, जिसमें यह उल्लेख हो कि यात्री बिना सहायक (एस्कॉर्ट) के यात्रा करने में असमर्थ है। (इसका प्रारूप भारतीय रेलवे की वेबसाइट https://divyangjanid.indianrail.gov.in से डाउनलोड किया जा सकता है)
* आधार कार्ड एवं जन्म प्रमाणपत्र
* पासपोर्ट साइज फोटो

सत्यापन के बाद कार्ड जारी 

इन दस्तावेजों को भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर अपलोड करना होता है। सत्यापन के बाद कार्ड जारी कर दिया जाता है और आवेदक को इसकी जानकारी SMS के माध्यम से दी जाती है। आवेदन करते समय सभी जानकारी सही-सही भरना अत्यंत आवश्यक है।

दिव्यांगजन यात्रियों को सहज, पारदर्शी और सरल प्रक्रिया की यात्रा 

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया, “हमारा प्रयास है कि दिव्यांगजन यात्रियों को सहज, पारदर्शी और सरल प्रक्रिया के माध्यम से रेलवे की सुविधाओं का लाभ मिले। रियायत कार्ड बनने की प्रक्रिया को सरल बनाकर हम उनकी यात्रा को अधिक सम्मानजनक और आत्मनिर्भर बना रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक दिव्यांगजन स्वयं को समाज की मुख्यधारा से जुड़ा हुआ महसूस करे।”

“सबका साथ, सबका विकास”

दिव्यांग रियायत कार्ड से संबंधित जानकारी या सहायता के लिए यात्री भोपाल मंडल यात्री हेल्पलाइन नंबर 9630951262 पर संपर्क कर सकते हैं। भोपाल मंडल का यह प्रयास भविष्य में और भी अधिक दिव्यांगजनों तक पहुँच बनाने के लिए जारी रहेगा, जिससे “सबका साथ, सबका विकास” की भावना सशक्त हो।

 


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Sushma Bhardwaj

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