‘अपने आप को रिपीट करना ठीक लेखन नहीं’ विश्वरंग में कथाकार तरुण भटनागर की साहित्य पर चर्चा

Vishwarang Bhopal : ‘टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव’ यानी ‘विश्वरंग’ के सात दिवसीय आयोजन में ‘लेखक से मिलिए’ सत्र में चर्चित कथाकार तरुण भटनागर ने कहा कि ‘एक रचनाकार, लेखक के तौर पर लगातार अपने आप को बदलने और सुधारने की कोशिश करता रहता है। वह लिखने के लिए नये-नये विषय तलाशता है। जो मैंने भी किया है। यह मुझ पर टैगिंग ग़लत है कि मैं केवल जनजातीय समाज या आदिवासी समाज पर ही ज़्यादा लिखता हूं। चूंकि मेरा लंबा समय आदिवासी इलाक़ों में बीता, इसलिए स्वाभाविक तौर पर मेरे साहित्य में आदिवासी समाज और उनकी समस्याएं आती हैं।’ उन्होने कहा कि मैंने कंटेट, भाषा और शिल्प के स्तर पर कई बार अपने आप को बदला है। मिसाल के तौर पर मेरी कहानी ‘हैलियोफोबिक’, अफ़गानिस्तान के पसेमज़र पर, तो ‘श्रद्धांजलि : एक अमरिकी मौत पर’ में मैंने अमेरिका और वियतनाम के बीच छिड़ी लंबी जंग के दर्दनाक हालात को बयां किया है, तो वहीं भारत-पाक के बंटवारे से पैदा हुए ग़म, गुस्से और खालीपन को मैंने ‘दादी, मुल्तान और टच-एंड-गो’ कहानी में दिखाने की कोशिश की है। लेखन के लिए यही एक चुनौती है। यदि आप, अपने आप को बार-बार रिपीट किए जा रहे हो, तो वह लेखन थोड़े ही है।

रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केन्द्र और वनमाली सजृन पीठ के मुख्य संयोजन में परिकल्पित साहित्य एवं कला के वार्षिक महाकुंभ ‘टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव’ का इस साल चौथा संस्करण था, जिसका औपचारिक उद्घाटन बीते 11 नवम्बर को साहित्य अकादमी सभागार, नई दिल्ली में हुआ था। ‘विश्व रंग’ के बाकी कार्यक्रम 14 नवम्बर से 20 नवम्बर तक भोपाल के रवीन्द्र भवन, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय परिसर और कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कनवेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) में संपन्न हुए। जिसमें 35 देशों के 1000 से ज़्यादा लेखक और कलाकारों ने हिस्सा लिया। तक़रीबन 90 सत्रों के आसपास संयोजित साहित्य-कला के इस विश्व कुंभ में साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, सिनेमा, पत्रकारिता एवं पर्यावरण समेत अनेक विषयों पर विस्तृत बातचीत हुई। दुनिया भर के साहित्य एवं कला प्रेमियों ने अपने चहेते लेखकों और कलाकारों को देखा-सुना, उनसे बातचीत की।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।