भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। दमोह जिले में कांग्रेस के नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्याकांड मामले में आरोपी की गिरफ्तारी न हो पाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। इस मामले में बसपा विधायक के पति आरोपी हैं जिन्हें पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इस मामले की सुनवाई कर रहे जज भी कह चुके है कि उन्हें जान का खतरा है।
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दरअसल बसपा से कांग्रेस में गए दमोह के देवेंद्र चौरसिया की हत्या उनकी क्रेशर प्लांट में 15 मार्च 2019 को कर दी गई थी। वे क्षेत्र के कद्दावर नेता थे और इस हत्याकांड में उनके परिजनों ने बसपा विधायक रामबाई (BSP MLA Rambai) के पति गोविंद, देवर चंदू समेत कुछ लोगों को आरोपी बताया था। इस मामले के मुख्य आरोपी गोविंद सिंह ठाकुर को अभी तक कोर्ट में पेश नहीं किया जा चुका है जबकि कांड को 2 साल बीत चुके हैं। इस मामले की सुनवाई कर रहे दमोह के एडीजी आर पी सोनकर ने विधायक के पति के खिलाफ वारंट जारी किया था और उसके बाद उन्होंने जिला जज को चिट्ठी लिखी कि यह वारंट जारी करने के बाद जिले के एसपी और दूसरे अधिकारी उन्हें धमका रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम को मृतक के बेटे सोमेश ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था जिस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और अहमद शाह ने नाराजगी जताई।
इस मामले पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूरे घटनाक्रम को जंगलराज करार दिया और डीजीपी से गोविंद सिंह को गिरफ्तार करने के निर्देश भी दिए। जज इतने नाराज थे कि उन्होंने दमोह एसपी को बर्खास्त करने तक की बात कही, हालांकि बाद में ऐसा किया नहीं। जस्टिस शाह ने तो यहां तक कह दिया कि राज्य सरकार को यह मान लेना चाहिए कि वह संविधान के मुताबिक शासन नहीं कर सकती।