भोपाल।
एमपी में भले ही कांग्रेस की सरकार गिर गई हो और बीजेपी सरकार बनाने की कवायद मे जुटी हो लेकिन बीजेपी के बागी विधायक शरद कौल का इस्तीफे पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है।विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि इस्तीफा दिया है और स्वीकार कर लिया गया है वही कौल का कहना है कि मुझसे दवाब में इस्तीफा लिखवाया गया, अस्वीकार किया जाए।
दरअसल, दो दिन पहले सोशल मीडिया पर शरद कौल का इस्तीफा वायरल हुआ था।कहा जा रहा था कि कौल ने बीजेपी छोड़ दी है और फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए है।कयास इसलिए भी लगाए जा रहे थे क्योंकि कौल पहले भी पार्टी लाइन से हटकर कमलनाथ सरकार के फेवर में बयान दे चुके थे।वही बीते साल उन्होंने कमलनाथ सरकार के समर्थन में भी वोट किया था। वही कई बार वे कमलनाथ की खुलकर तारीफ भी कर चुके थे। इसी पुष्टी तब हुई जब शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने अपने पीसी में कहा कि उन्होंने शरद कौल का स्वीकार कर लिया है। जैसे यह बात बीजेपी और कौल तक पहुंची उन्होंने इसका खंडना कर दिया।भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि उन्हें इसका अधिकार ही नहीं है और शरद कोल ने अपना इस्तीफा स्वीकार न करने का पत्र भी भेज दिया है।