BHOPAL NEWS : मुरैना में सुधार गृह में महिला की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है यहाँ महिला की सड़ी हुई हालत में बॉडी मिली, मामला बेहद चौकानें वाला है। मुरैना जिले के स्टेशन रोड थाना क्षेत्र के बड़ोख स्थित महिला सुधार गृह में श्योपुर की एक महिला की सड़ी हुई लाश सुधार गृह के कमरे में बरामद होने की यह घटना है।
यह था मामला
बताया जा रहा है कि मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला सायना मुरैना के इस सुधार गृह में दो वर्ष पहले श्योपुर से आई थी, स्वधार गृह में रहने वाली ज्यादातर महिलायें मानसिक रूप से कमजोर है। सायना के शव से जब दुर्गंध आने लगी तब उसकी मौत की खबर स्वधार गृह की अधीक्षिका को लगी, अधीक्षिका भी कई दिन से गृह में नहीं आई थी। सायना के शव में कीड़े पड़ चुके थे, अधीक्षिका महिला सुधार गृह में नहीं आई थी, यही वजह है कि महिला की मौत के बाद शव में कीड़े पड़ चुके थे, उसके शव में से सड़ने की दुर्गंध आई थी तब जाकर के इस पूरे मामले का खुलासा हुआ था। महिला सुधार गृह में महिला की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। 5 वर्ष पहले भी एक महिला की मौत हो चुकी है।

नियम विरुद्ध संचालित हो रहे एक साथ दो गृह
मुरैना के इस सुधार गृह की पहले भी कई शिकायते मिल चुकी है लेकिन जिला महिला बाल विकास विभाग आँखें मूंदकर बैठा है, यहाँ महिला सुधार गृह और बालिका गृह दोनों का एक ही भवन में संचालन किए जा रहे है, जो शासन के नियम विरुद्ध है, शासन की गाइडलाइन के अनुसार बालिका गृह अलग होने चाहिए और महिला सुधार गृह अलग बिल्डिंग में होना। दरअसल महिला सुधार गृह में अधिकांश उन महिलाओं को पनाह दी जाती है जो महिलाएं मानसिक रूप से विक्षिप्त होती है लेकिन मुरैना में एक ही भवन में मानसिक रोगी महिलाओं और अनाथ बच्चियों को रखा गया है। जिस भवन में प्रथम तल पर बालिका गृह संचालित है, उसी गृह के भूतल पर महिला सुधार गृह है। इसमें 17 महिलाएं अभी भी रह रही है। इसमें से 11 महिलाएं मानसिक रोगी है।
आयोग ने जारी किया नोटिस
मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, मुरैना से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।