भोपाल। हर इंसान में एक कला, हुनर, फन और प्रतिभा छिपी होती है। लेकिन इसको पहचानकर और निखार कर, उचित मार्गदर्शन देकर इसको उकेरा जा सकता है। महिलाओं में छिपी ऐसी कलाओं औऱ हुनर को उचित फ्रेम में लाने से उन्हें इस लायक बनाया जा सकता है, जिससे वे अपनी आजीविका चला सकें, परिवार का सहारा बन सकें और भविष्य की बेहतर योजनाओं के लिए प्रयास कर सकें।
वस्त्र मंत्रालय के स्थानीय कार्यालय डीसीएच हेंंडीक्राफ्ट के पर्यवेक्षक अमन जैन ने यह बात कही। वे गुरुवार को संस्था परिवर्तन सेवा एवं शिक्षण समिति द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद थे। संस्था द्वारा केन्द्रीय मिनिस्ट्री अफेयर्स के उस्ताद के कार्यक्रम के तहत महिलाओं को जरी-जरदौजी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर रही है। इस दौरान मास्टर ट्रेनर स्टेट अवार्डी हुमा खान द्वारा महिलाओं को जरी-जरदौजी कला की बारीकियों का सूक्ष्म अध्ययन कराया जा रहा है। अमन जैन ने प्रशिक्षार्णियों को योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए इससे भविष्य में होने वाले फायदों से अवगत कराया। उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं महिलाओं को जरूरी टूल्स भी वितरित किए। इस मौके पर डीसीएच के अजीत गौतम, मास्टर ट्रेनर हुमा खान और संस्था के पदाधिकारी अश्विनी, जुबैर कुरैशी आदि भी मौजूद थे।