भोपाल| मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा का स्तर सुधारने की दिशा में सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है| बोर्ड परीक्षा में खराब रिजल्ट देने वाले स्कूलों के शिक्षकों की दो बार परीक्षा ली गई और इसमें फेल होने वाले कुछ शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला लिया गया| अब एक कदम आगे बढ़कर शिक्षकों की पढ़ाई के लिए जवाबदेही बढ़ाते हुए भर्ती नियमों में बड़ा बदलाव किया है|
प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर अब अच्छा रिजल्ट देने की जिम्मेदारी रहेगी| अगर अच्छा रिजल्ट नहीं दे पाए तो उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा| शिक्षकों को अब लगातार तीन से चार साल बेहतर परिणाम देना होगा इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने मध्य प्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा शैक्षणिक संवर्ग सेवा शर्तें एवं भर्ती नियमों में संशोधन कर दिया है| नए नियमों के तहत अब सीधी भर्ती के पदों पर पहले 3 वर्षों तक प्रोबेशन पर तैनाती की जाएगी|
प्रोबेशन पीरियड के दौरान शिक्षकों को पहले साल 70 फ़ीसदी, दूसरे साल 80 फ़ीसदी और तीसरे साल 90 फ़ीसदी वेतन स्टायफंड के रूप में मिलेगा | यदि शिक्षक 3 साल तक प्रोबेशन की अवधि में असफल रहते हैं और उनका काम बेहतर नहीं रहता है तो नियुक्तिकर्ता अधिकारी सुनवाई का मौका देकर 1 साल उनका प्रोबेशन और बढ़ा सकेंगे| एक साल की परिवीक्षा अवधि भी सफलतापूर्वक पूरी नहीं करने पर ऐसे शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की जा सकेगी अब नए नियमों के तहत शिक्षकों को बेहतर रिजल्ट देना होगा जिससे सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम सुधरे और शिक्षा का स्तर भी|