BHOPAL HAMIDIYA HOSPITAL : भोपाल के हमीदिया अस्पताल के गायनिक विभाग में एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां इलाज के दौरान एक नवजात की मौत हो गई। परिजन शव लेकर घर चले गये। उसका अन्तिम संस्कार करने के अगले ही दिन हमीदिया अस्पताल से मृत नवजात के पिता को फोन पहुंचा कि आपकी बच्ची भूखी है। दूध पिलाने के लिये कोई क्यों नहीं आ रहा है। इससे परिजन पशोपेश में आ गये और हमीदिया अस्पताल पहुंचे। अस्पताल वालों ने कहा कि आपकी फाईल क्लोज हो चुकी है। रोते-धोते परिजन हमीदिया अस्पताल से थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। मृत बच्ची की दादी ने सीएम से मामले की जांच कराने की मांग की है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय, मप्र, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है।
यह था मामला
बैरसिया रोड स्थित काला पीपल के अगरिया खामखेड़ा निवासी दुल्लदर चौहान की शादी के 6 साल बाद पत्नी प्रियंका ने बच्ची को हमीदिया अस्पताल में 4 सितंबर को जन्म दिया था। नवजात की स्थिति खराब होने से परिजन को उसको देखने नहीं दिया जा रहा था। दोपहर में स्टाफ ने बताया कि बच्ची की मौत हो गई। शव परिजनों को सौंप दिया गया जिसे लेकर गांव चले गए। वहां उसका कफन-दफन कर दिया। परिजनों के अनुसार उन्हे 5 सितम्बर को अस्पताल से फोन आया कि आप अपनी बच्ची को दो दिन से दूध पिलाने के लिए क्यों नहीं आ रहे हैं। ये सुनकर सब सोच में पड़ गए। परिजनों ने नर्स से पूछा कि बच्ची जिंदा है तो फिर हमें जो शव सौंपा, वो किसका था। हम लोगों ने कई बार फोन लगाकर बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। प्रियंका की सास नसता बाई ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मामले की जांच कराने की गुहार लगाई है। उनका आरोप है कि उनकी नवजात को बदल दिया गया है। जिंदा की जगह किसी अन्य का मरा बच्चा उनको थमा दिया गया। इस मामले की जांच होनी चाहिए। वही अस्पताल प्रबंधन इस पूरे मामलें में ज्यादा कुछ कहने से बच रहा है।