धार्मिक आयोजन में क्रूरता की पराकाष्ठा, बर्फ के शिवलिंग पर पैर और पंख बांधकर कबूतर बिठाए
कबूतर मरणासन्न हालत में बर्फ के शिवलिंग के ऊपर पड़े रहे, लोगों की भीड़ इस झांकी के दर्शन करने आती रही लेकिन किसी ने भी इन कबूतरों पर तरस नहीं खाया।
Bhopal – Pigeon Sit on The Ice Shivling : मध्यप्रदेश की राजधानी में महाशिवरात्रि के मौके पर पूरे शहर भर में धार्मिक आयोजन हुए, लेकिन नेहरू नगर चौराहा स्थित पलकमति परिसर के पास हुए धार्मिक आयोजन ने सवाल खड़े कर दिए, दरअसल यहाँ आयोजकों ने क्रूरता की सराई हदे सिर्फ इसलिए पार कर दी कि यहाँ आने वाले श्रद्धालु इनकी झांकी देखकर तारीफ किए बिना ना लौटे, यहाँ आयोजको ने बर्फ के शिवलिंग बनाए और इस शिवलिंग पर दो कबूतर बैठाए गए, यह कबूतर असली और जिंदा थे, हालांकि बर्फ का शिवलिंग था तो कबूतर इस पर बैठ नहीं सकते थे, आयोजकों ने इन कबूतरों के पैरों और पंखों को टेप से बांधकर इन्हे बर्फ के शिवलिंग पर बैठा दिया। घंटों इन्हे इस तरह ही बर्फ के शिवलिंग पर रखा गया। लोगों को आकर्षित करने के लिए झांकी के आयोजकों ने यह कारनामा किया था। आयोजन समिति में एक भी शख्स ने इस काम का विरोध नहीं जताया और सभी बस श्रद्धालुओ को लुभाने में लगे रहें।
पशु प्रेमी की पड़ी नजर
शनिवार की दोपहर में झांकी शुरू हुई और शाम करीब 6 बजे तक कबूतर मरणासन्न हालत में बर्फ के शिवलिंग के ऊपर पड़े रहे, लोगों की भीड़ इस झांकी के दर्शन करने आती रही लेकिन किसी ने भी इन कबूतरों पर तरस नहीं खाया जबकि ओग इन्हे भी माथा टेकते रहें। इसके बाद करीबन शाम 6 बजे गर्वमेंट कोटरा सुल्तानाबाद निवासी पशु प्रेमी मनीषा मालवीय यहां पर शिवलिंग के दर्शन करने पहुंची तो उन्होंने जिंदा कबूतरों को बर्फ के शिवलिंग पर बैठा देखकर पूछताछ की। इस दौरान पता चला कि कबूतर खुद आकर नहीं बैठे हैं, बल्कि झांकी को आकर्षक बनाने के लिए दोनों कबूतरों को टेप लगाकर बैठाया गया है।
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पुलिस बुलाई तब कबूतर छोड़े
मनीषा ने फौरन आयोजकों से कबूतरों को छोड़ने को कहा तो आयोजकों ने साफ इंकार कर दिया कि इन कबूतरों को नहीं हटायेगें जबकि, लगातार बर्फ पर बैठे रहने से न सिर्फ उनके पैर aउर पंख कड़क हो गए थे, बल्कि कबूतर भी ठंडे पड़ चुके थे और उड़ भी नहीं पा रहे थे। आयोजकों की बदतमीजी से नाराज मनीषा ने पुलिस बुलाई और फिर कबूतरों को छुड़वाया। पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हालांकि कबूतर उद नहीं पा रहे थे, उनका शरीर भी लगभग अकड़ चुका था।