भोपाल। शरद व्यास ।
राज्यसभा चुनाव (Rajyasabha election ) को लेकर देश के राज्यो की विधानसभा (vidhansabha) में मतदान किया जा रहा है। राजनीति के तमाम दिग्गज मतदान के माध्यम से अपने अपने प्रत्याशियों को राज्यसभा भेजने में लगे है, लेकिन इन सब के बीच मध्यप्रदेश (madhypradesh) का मुकाबला और भी ज्यादा दिलचस्प है क्योंकि यहां कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) अब बीजेपी(bjp) के पाले में हैं।सिंधिया अकेले बीजेपी के पास नहीं गये बल्कि बीस से ज्यादा विधायकों ने कांग्रेस(congress) छोड़कर कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) को सत्ता आउट कर दिया है। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा चुनाव के प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Senior leader Digvijay Singh) भी मैदान में हैं ओर इन दोनों की परिवारिक दुश्मनी जगज़ाहिर है।
वैसे तो देश के कई राज्यो में मतदान हो रहा है, लेकिन सबसे दिलचस्प लड़ाई मध्य प्रदेश और कर्नाटक में नजर आ रही है क्योंकि इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस को बड़ी बगावत का सामना करना पड़ा है जिससे उसके हाथों से सत्ता भी खिसक गई हैजहाँ एक और मध्य प्रदेश में तीन राज्यसभा सीटों पर चार प्रत्याशी हैं, ऐसे में मुकाबला काफी रोचक हो गया है। बीजेपी से ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी चुनाव लड़ रहे हैं तो कांग्रेस से दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया हैं। हालांकि, कांग्रेस ने फर्स्ट प्रायोरिटी दिग्विजय सिंह को दी है दूसरी तरफ बीजेपी ने भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को फर्स्ट प्रायोरिटी पर रखा है, ऐसे में माना जा रहा है कि ये दोनों ही नेता राज्यसभा पहुंचने में सफल हो जाएंगे लेकिन तीसरी सीट को लेकर पेच फंसा है। एमपी में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद पूरा गणित बिगड़ गया है।
वही दूसरी और कर्नाटक की हालत भी कुछ एमपी जैसी ही बनी है। यहां कांग्रेस अपने समर्थन से जेडीएस के साथ मिलकर सरकार चला रही थी लेकिन एक दर्जन से ज्यादा विधायकों ने बगावत कर बीजेपी का पाला संभाल लिया। इससे न सिर्फ कांग्रेस-जेडीएस की सरकार चली गई बल्कि राज्यसभा चुनाव में भी हालात चुनौतीपूर्ण बन गये।
अगर कर्नाटक विधानसभा का समीकरण देखा जाये तो कुल 225 सीटों में से बीजेपी के पास 116 सीट है जबकि कांग्रेस के पास 68 सीट है वहीं जेडीएस के पास 34 विधायक हैं…. बसपा- 1, निर्दलीय- 2, स्पीकर- 1, नामित- 1 सदस्य हैं।दो सीटें खाली हैं…यानी बीजेपी चार में से दो सीटों पर बीजेपी के जीतने की प्रबल संभावना है बहरहाल एमपी में राज्यसभा सीट हथियाने के बाद बीजेपी राहत की सांस जरूर लेगी चूंकि आगामी समय मे उपचुनाव होने है इस लिहाज से भी फायदा मिल सकता है वही कर्नाटक में भी बीजेपी अपने चाल को एग्जीक्यूट करने में सफल होती नजर आ रही है।