भोपाल।
आज से 15वीं विधानसभा का पहला सत्र शुरु होने जा रहा है। आज कांग्रेस की वास्तव में अग्नि परीक्षा है, क्योंकि कांग्रेस को सदन में बहुमत पेश करना होगा। इसको लेकर कांग्रेस में देर रात तक बैठक चली। बैठक में कमलनाथ ने अपने 113 विधायकों को भोपाल में रविवार को ही एकत्रित कर ताकत दिखाई ।इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष के लिए एनपी प्रजापति का नाम फायनल हुआ है और उन्होंने मुख्यमंत्री की मौजूदगी आज सुबह फॉर्म भरा ।हालांकि बीजेपी अभी तक नाम तय नही कर पाई है, लेकिन इसके लिए आवेदन जरुर लिया गया है। ऐसे में बीजेपी की तरफ से दावेदारी पेश करना तय है।उम्मीद की जा रही है कि आज ही स्पीकर का चुनाव हो जाए।
भाजपा विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ती है तो पहले नंबर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा का नाम होगा। इसके अलावा पार्टी वरिष्ठ विधायक केदारनाथ शुक्ला, राजेंद्र शुक्ला को भी सामने ला सकती है। माना जा रहा है अगर बीजेपी अपनी विस अध्यक्ष के लिए दावेदारी पेश करती है तो उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने की परंपरा को तोड़कर कांग्रेस चुनाव करवा सकती है। विधानसभा अध्यक्ष के लिए भाजपा के प्रत्याशी उतारने पर कांग्रेस भी उपाध्यक्ष को लेकर रणनीति बना रही है। निर्विरोध अध्यक्ष नहीं बनने की स्थिति में कांग्रेस विधानसभा उपाध्यक्ष का विपक्ष को दिया जाने वाला पद अपने या अपने सहयोगी दल या निर्दलीय विधायकों को दे सकती है। उपाध्यक्ष के लिए कांग्रेस अपने असंतुष्ट वरिष्ठ नेताओं को प्रत्याशी बनाकर उनकी नाराजगी को कम कर सकती है।
ऐसे चुना जाता है विधानसभा स्पीकर
जब भी किसी प्रदेश में चुनाव होते हैं और नई सरकार बनती है तो विधानसभा में सबसे पहला काम होता है अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन। आमतौर पर सत्ताधारी पार्टी या गठबंधन का कोई विधायक ही स्पीकर होता है। सबसे वरिष्ठ सदस्य को स्पीकर चुना जाता है और ध्वनिमत से विधायक अपनी स्वीकृति देते हैं। स्पीकर का काम विधानसभा की कार्रवाई को संचालित करना है। वह संविधान के नियमों के मुताबिक सदन संचालित करता है। जब स्पीकर मौजूद नहीं होता है तो उपाध्यक्ष सदन संचालित करता है। सभी सदस्य स्पीकर का सम्मान करते हैं और उनकी हर बात ध्यान से सुनते हैं। स्पीकर अगली सरकार के बनने तक इस पद पर रहता है। स्पीकर को पद से हटाने के लिए सदन में प्रस्ताव लाना होता है। इसके लिए 14 दिन पूर्व ही नोटिस दिए जाने का नियम है।
विधायकों को शपथ दिलाएंगें प्रोटेम स्पीकर
पंद्रहवीं विधानसभा के पहले सत्र में पहले दिन प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे। एक-एक कर विधायकों की शपथ होगी और आठ जनवरी को पूर्वान्ह तक शपथ चलने की संभावना है। शपथ के बाद विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा और फिर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण होगा और इस पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पेश किया जाएगा।
18 हजार करोड़ रुपए का हो सकता है अनुपूरक बजट
9 जनवरी को निधन उल्लेख होगा और शासकीय कार्य होंगे। 10 जनवरी को अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जा सकता है, जिस पर उसी दिन चर्चा हो जाएगी। करीब 18 हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट सरकार पेश करेगी। उद्घाटन सत्र के अंतिम दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव होने की संभावना है। अगर इस सत्र में उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ तो अगले सत्र में होगा।
मंत्रिमंडल का विस्तार की अटकले तेज
सरकार नया सियासी दांव खेलते हुए दो निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा और विक्रम सिंह राणा को मंत्री बना सकती है। मायवती की अनुमति के बाद बसपा से संजीव कुशवाह और सपा से राजेश शुक्ला को मंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुबह विक्रम सिंह राणा और अन्य विधायकों से सीधी बात भी की है।बताते चले कि कैबिनेट गठन के दौरान सपा बसपा विधायकों को मंत्री नहीं बनने पर दोनों ही दलों ने नाराजगी व्यक्त की थी कि मंत्री नहीं बनाये जाने से दोनों दलों के विधायक और निर्दलीय भाजपा से हाथ मिलाकर बहुमत सिद्ध करने के दौरान कांग्रेस की मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
बता दें राज्य में किसी भी दल को अपने बल पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, कांग्रेस को भाजपा से पांच सीटें ज्यादा मिली हैं, मगर वह बहुमत से दो दूर है। विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं, जिसमें से 114 कांग्रेस, 109 बीजेपी के खाते में आई है। कांग्रेस ने बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों के सहयोग से सरकार बनाई है।