भोपाल
करीब एक माह तक शराब दुकानें बंद रहने के कारण 1800 करोड़ के लगभग जो राजस्व का नुकसान हुआ है, अब सरकार उसकी पूरी भरपाई कर लेना चाहती है। शराब दुकानों को लेकर लिये जा रहे फैसलों को देखते हुए तो ऐसा ही लगता है।
दुकान खोलने के समय में बढ़ोत्तरी के बाद अब शिवराज सरकार ने ये तय किया है कि शराब ठेकेदारों को उसके संचालन में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इसके लिये वाणिज्यिक कर विभाग ने प्रत्येक जिले के कलेक्टर को निर्देश दिए है कि ठेका संचालन में अगर किसी प्रकार की परेशानी की शिकायत मिलती है तो उसे प्राथमिकता से सुलझाया जाए। इतना ही नहीं, ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों को आने-जाने के लिए पास भी दिए जाएंगे। जिला आबकार अधिकारी द्वारा जारी किए गए परमिट को यात्रा पास के रूप में भी मान्य किया जाएगा।
बता दें कि शराब व्यापार सरकार के लिए राजस्व का बड़ा स्रोत है। लॉकडाउन के दौरान जब तक शराब की दुकानें बंद रही, सरकार को राजस्व का बड़ी हानि उठानी पड़ी है। इसीलिए अब तब शराब दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है, सरकार हर तरह से सुनिश्चित कर लेना चाहती है कि इसमें किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।