Jabalpur Fire In Hospital : जबलपुर के मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल में अगस्त 2022 में आग लगने से हुई 8 मरीजों और परिजनों की मौत पर एक बार फिर हंगामा हुआ, विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को सदन में जबलपुर से कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने अफसरों को बचाने का आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि इस हादसे के जिम्मेदार जहां बर्खास्त किए जाने के बाद फिर बहाल कर दिए गए वही एक उच्च स्तर के अधिकारी ने नियमों को शिथिल कर दिया, इस सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से असन्तुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया।
बनाई जाएगी उच्चस्तरीय जांच कमेटी
कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने नाम न लिए बगैर एसीएस स्तर के एक अधिकारी को अस्पतालों की परमिशन के लिए नियम बदलने के मामले में जिम्मेदार बताया और उच्च स्तरीय जांच की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में हस्तक्षेप कर विधायकों व अफसरों की उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाने के लिए कहा।
यह है मामला
प्रश्नोत्तर काल के दौरान कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में एक अगस्त 2022 को आग लगने से 8 लोगों के जलकर मरने का मामला उठाया और कहा कि एसीएस स्तर के जिन लोगों ने ऐसी स्थिति बनाने के लिए नियम बदल दिए वे सदन में बैठे हैं। पहले कम्प्लीशन सर्टिफिकेट और फायर एनओसी के बाद अस्पताल संचालन की अनुमति दी जाती थी लेकिन यहां बैठे अफसरों ने नियम बदल दिए और निर्माण होने के दौरान परमिशन दे दी। इसलिए दोषी अफसरों पर कार्यवाही की जानी चाहिए। सक्सेना के इस सवाल का नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह, विधायक जीतू पटवारी, सुरेंद्र सिंह शेरा समेत अन्य ने समर्थन किया। इस पर मंत्री चौधरी ने कहा कि इस मामले में सीएमएचओ, दो चिकित्सा अधिकारी समेत आठ लोगों को सस्पेंड किया गया तो सक्सेना ने कहा कि सभी निलंबित बहाल हो गए हैं। नियम बदलने की स्थिति में जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने सदन में उच्चस्तरीय जांच कराने की बात कही।