सागर/भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (revenue and transport minister) को उप चुनाव (by-election) लड़ना है और इसके लिए सागर जिले (sagar district) की सुरखी विधानसभा (surkhi assembly) में जोर शोर से तैयारी करने में मंत्री जी लगे हैं। कांग्रेस (congress) छोड़ बीजेपी (bjp) का दामन थामने वाले मंत्री जी के लिए पहले से ही यह चुनाव आसान नहीं माना जा रहा था ।अब कमलनाथ (kamalnath) ने उन्हें शिकस्त देने के लिए 2013 में भाजपा की विधायक रह चुकी पारुल साहू (parul sahu) को मैदान में उतारा है।
पारुल साहू ने 2013 में गोविंद राजपूत को ही शिकस्त थी। पारुल की छवि एक भद्र राजनीतिज्ञ के रूप में मानी जाती है और विदेश से पढ़ाई करके वापस लौटी पारुल हमेशा सामाजिक सरोकार से जुड़े हुए मुद्दों को उठाने को लेकर चर्चा में रही है लेकिन बुंदेलखंड के राजनीतिज्ञों को उनकी यह साफ-सुथरी कार्यशैली नजर नहीं आई और इसलिए 2018 में उनका टिकट काट दिया गया। कमलनाथ पिछले काफी लंबे समय से उन्हें पार्टी में लाने के लिए प्रयास कर रहे थे।
गोविंद राजपूत ने एक बार भरी सभा में पारुल साहू के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था जिसको लेकर उनके ऊपर मानहानि का मुकदमा भी चलाया गया था। मामला सन 2017 का है जब 16 नवंबर को क्षेत्र के सेमाढाना गांव में सभा के दौरान पूर्व विधायक गोविंद राजपूत ने सड़कों की जर्जर हालत को लेकर विधायक साहू पर सभा में तंज कसा था। उन्होंने कहा था शराब जितनी पुरानी होती है उसे उतना अच्छा माना जाता है। क्षेत्र की विधायक दारू वाली है, उन्हें पुरानी सड़कें अच्छी लगती हैं। इसलिए उनका ध्यान जर्जर सड़कों की ओर नहीं जाता।
सभा का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने व अखबारों में खबरें प्रकाशित होने के बाद इस मामले को लेकर क्षेत्र की राजनीति गर्माने लगी थी। विधायक पति नीरज केशरवानी ने बताया इस मामले को लेकर एसपी सतेंद्र कुमार शुक्ला को आवेदन देकर पूर्व विधायक राजपूत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।अब वही पारूल गोविन्द के लिये मुसीबत बनने जा रही है