भोपाल। कमलनाथ सरकार की कार्यप्रणाली से न केवल विपक्ष बल्कि सत्तापक्ष के विधायकों की नाराजगी का एक बड़ा कारण सरकार के लिए बड़ी मात्रा में राजस्व जुटाने वाले दो बड़े विभाग रहे। दरअसल परिवहन और आबकारी, दोनों विभागों के माध्यम से सरकार को अच्छा खासा राजस्व मिलता है लेकिन जैसा कि पूर्व मंत्री इमरती देवी ने आरोप लगाया कि सरकार के यह दोनों विभाग दलालों के माध्यम से चल रहे थे। परिवहन विभाग में जब तक आयुक्त के रूप में डॉक्टर शैलेंद्र श्रीवास्तव रहे, विभाग में केवल बखूबी चलता रहा बल्कि राजस्व के मामले में भी नए कीर्तिमान स्थापित किए लेकिन नए परिवहन आयुक्त वी मधुकुमार की नियुक्ति होते ही सब कुछ गड़बड़ होने लगा। अब हालात यह है कि सरकार का खजाना खाली है और परिवहन विभाग अपने टारगेट से कम वसूली कर पा रहा है।
इसका प्रमुख कारण विभाग में चल रहा हर स्तर का भ्रष्टाचार बताया जा रहा है जिसे लेकर इस विधानसभा सत्र में भी काफी प्रश्न लगाए गए थे। परिवहन आयुक्त मधुकुमार इन सब पर अंकुश लगाने में पूरी तरह विफल रहे हैं। परिवहन नाकों पर चल रही अवैध वसूली की शिकायत अब केंद्र सरकार तक भी पहुंच गई है ।इसी के साथ आबकारी विभाग के बारे में तो पहले भी धार जिले मे सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे की नियुक्ति को लेकर वल्लभ भवन की भूमिका पर सवालिया निशान खड़े हुए थे और लेन-देन का एक ऑडियो वायरल होने के बाद एक बार फिर उनकी पदस्थापना भोपाल जैसे महत्वपूर्ण जिले में कर दी गई।