भोपाल/जयपुर।
राजस्थान में 200 सीटों के लिए सात दिसंबर को मतदान होना है। इसके लिए सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है। दोनों ही दलों द्वारा किसानों, महिलाओं और युवाओं पर फोकस किया गया है। जीत के लिए बीजेपी-कांग्रेस अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। यहां पार्टियों की जीत से ज्यादा उनके चेहरों का राजनीतिक भविष्य दांव पर है। अगर बीजेपी सत्ता से बेदखल होती है तो 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उसके लिए बड़ा झटका तो होगा ही, उधर राज्य में पार्टी का चेहरा वसुंधरा राजे के लिए राजनीतिक अस्तित्व की चुनौती बढ़ जाएगी।चुंकी राजस्थान मप्र से सटा राज्य है। राजस्थान में 1993 के बाद से हर पांच साल पर सरकार बदलती रही है। सत्ता की अदला-बदली भाजपा और कांग्रेस के बीच होती रही है। ऐसे में भाजपा-कांग्रेस मध्यप्रदेश के नेताओं को राजस्थान भेजने की तैयारी में है, ताकी अपना पक्ष मजबूत हो सके। एक तरफ भाजपा है जो दूसरी बार सरकार बनाने का दावा कर रही है, वही पांच सालों से सत्ता से बाहर कांग्रेस वापसी के लिए आतूर है। दोनों सियासी दल उन नेताओं का भरपूर उपयोग करेंगे, जिनकी राजस्थान में रिश्तेदारी, संपर्क या लोकप्रियता है। ऐसे में भाजपा-कांग्रेस इन जिलोंं के बड़े नेताओं का उपयोग भी राजस्थान के सियासी समीकरण साधने में करने जा रही हैं।
भाजपा-कांग्रेस इन नेताओं को भेज सकती है राजस्थान
-शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री – आम आदमी की छवि के कारण शिवराज देश के लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। वे राजस्थान में पांच स्थानों पर सभाएं ले सकते हैं। उनका गुरुवार को राजस्थान का चुनावी दौरा तैयार हो जाएगा।
-नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री – राजपूत वोट बैंक साधने के लिए तोमर को राजस्थान भेजा जाएगा। तोमर के पुत्र देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर रामू का विवाह जयपुर में हुआ है।
-यशोधरा राजे सिंधिया, मंत्री- राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, यशोधरा की बड़ी बहन हैं। यशोधरा हर चुनाव में अपनी बहन के लिए प्रचार करने जाती हंै। इस बार भी वे प्रचार करने जाएंगी।
-डॉ. नरोत्तम मिश्रा- राजस्थान मेंं रिश्तेदारी है। मैनेजमेंट में माहिर और अच्छे वक्ता हंै।
-थावरचंद गेहलोत- राजस्थान में रिश्तेदारी, उदयपुर, चित्तौडगढ़़ और बांसवाड़ा में वर्चस्व है।
-विधायक : यशपाल सिसोदिया मंदसौर, ओमप्रकाश सखलेचा जावद, दिलीप सिंह परिहार नीमच, चंदर सिंह सिसोदिया गरोठ, चेतन काश्यप रतलाम और राजेंद्र पाण्डे जावरा।
-सांसद : चिंतामण मालवीय उज्जैन, सुधीर गुप्ता मंदसौर, रोडमल नागर राजगढ़ और मनोहर ऊंटवाल शाजापुर।
-ज्योतिरादित्य सिंधिया – कांग्रेस का बड़ा चेहरा। ग्वालियर-चंबल से जुड़े राजस्थान के इलाके में लोकप्रियता, सचिन पायलट से निकटता।
-दिग्जिवय सिंह- राजस्थान में रिश्तेदारी और अच्छा संपर्क।
-रामनिवास रावत – कोटा, सवाई माधोपुर में अच्छा संपर्क।
-कांतिलाल भूरिया – राजस्थान से सटे इलाके में बड़ा आदिवासी चेहरा। बांसवाड़ा, कोटा और उदयपुर में संपर्क।
-जीतू पटवारी – राजस्थान में रिश्तेदारी और युवा चेहरा।
-हरदीप सिंह डंग – उदयपुर और चित्तौडगढ़़ में संपर्क।
-जयवर्धन सिंह – राजस्थान में रिश्तेदारी, युवा चेहरा
-लक्ष्मण सिंह- राजस्थान में अच्छा संपर्क। क्षत्रिय वोट बैंक पर पकड़।
कुणाल चौधरी – युवा चेहरा। राजस्थान में अच्छा परिचय।
मध्यप्रदेश के इन जिलों से सटा हैं राजस्थान
मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, राजगढ़, शाजापुर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर और नीमच।
कब किसका शासन
– 1993 : भाजपा, मुख्यमंत्री भैरो सिंह शोखावत
– 1998 : कांग्रेस , मुख्यमंत्री अशोक सिंह गहलोत
– 2003 : भाजपा, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे
– 2008 : कांग्रेस, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
– 2013 : भाजपा, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे