भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज 4 जनवरी 2022 का दिन खास है। आज धरती (Earth) से सूरज की नजदीकियां रहेंगी। नेशनल अवॉर्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (National Award winning science broadcaster Sarika Gharu) ने बताया कि आज मंगलवार दोपहर 12 बजकर 22 मिनिट पर दोनों के बीच यह दूरी सिमटकर 14 करोड़ 71 लाख 5 हजार 52 किमी रह जायेगी।
नेशनल अवॉर्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि 2022 में हर एक अंक जोड़ी बनाता दिख रहा है तो आज 4 जनवरी सौर परिवार में पृथ्वी भी सूरज के समीप आकर जोड़ी बनाने जा रही है। सूर्य के चारों ओर अंडाकार पथ में परिक्रमा करते हुये पृथ्वी साल के सबसे नजदीक बिंदु पर होगी।साल में एक बार यह सूरज के सबसे पास
होती है खगोलविज्ञान में इसे पेरीहिलियन कहते हैं।
सारिका ने बताया कि इसके बाद 4 जुलाई को जब ये एक दूसरे से दूर होंगे तो यह दूरी 15 करोड़ 20 लाख 98 हजार 4 सौ 55 किमी होगी, इस घटना को अफीलियन कहते हैं। इसमें रोचक बात यह है सूरज के पास रहते हुये लगती है ठंड और दूर जाते ही लगती है गर्मी।
मौसम में गर्मी या ठंड का होना पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुके होकर घूमने के कारण होता है। झुकाव के कारण किसी समय पृथ्वी के जिस भाग पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ रही होती है वहां गर्मी पड़ती है और जहां किरणें तिरछी पड़ती है वहां ठंड महसूस होती है। इसके साथ ही वायु दाब , रेगिस्तान से आने वाली हवायें आदि तापमान को प्रभावित करते हैं।
जब पृथ्वी सूरज के सबसे करीब होती है तो पृथ्वी और सूरज के बीच की दूरी 14,70,99,586 किमी होगी। धरती वास्तव में सूर्य के चारों ओर एक वृत्त में नहीं घूमती है। यह एक दीर्घवृत्त में चलती है इसलिए जनवरी की शुरुआत में यह सूर्य के सबसे निकटतम बिंदु पर होती है जिसे पेरिहेलियन कहा जाता है, जबकि जुलाई की शुरुआत में यह सूर्य से अपने सबसे दूर के बिंदु पर होता है जिसे एपेलियन (Aphelion) कहा जाता है।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)