भोपाल। मध्यप्रदेश के उमरिया जिले मे स्थित बांधवगढ नेशनल टाईगर रिजर्व में नया साल मनाने पहुंचे देश विदेश के सैलानियों में खासा उत्साह देखने को मिला, जिसकी मुख्य वजह नेशनल पार्क में पर्यटकों को आसानी से विचरण करते बाघों को देखना तथा आदिवासी संस्कृति से अवगत होना है। नव वर्ष की पूूू्र्व संध्या में रिमझिम बारिश के मध्य बांधवगढ नेशनल पार्क में देेेश ,विदेश पर्यटकों ने स्थानीय लोककला, आदिवासी संस्कृति तथा उनका रहन, सहन, वेशभूषा के साथ ही प्रकृति आधारित व्यंजन का भी खूब लुुप्त उठाया। नेशनल पार्क में पर्यटकों की मेहमानबाजी करने तथा नये साल का जश्न यादगार बनाने नेशनल पार्क प्रबंधकों एवं रिसोर्ट प्रबंधकों द्वारा कोई कसर नही छोड़ी गयी।
नए साल के जश्न में उमरिया, अनूपपुर तथा डिण्डौरी जिलों के प्रसिद्ध लोक कला दल विभिन्न रिसोर्टाे में अपनी प्रस्तुति देकर जहां खूूूब वाहवाही बटोरी। लोक दलों में बिझरिया, गढपुरी और ताला के लोक कला दल आकर्षण के प्रमुख केंद्र रहे। सैलानियों के लिए रिसोर्ट संचालकों द्वारा बूम फायर, संगीत संध्या तथा आर्केस्ट्रा के कार्यक्रम भी आयोजित किये गये।
नए वर्ष के स्वागत की तैयारी में कुछ रिसोर्ट प्रबंधकों द्वारा आदिवासी भोजन परोसने की भी तैयारी की गई थी, जिनमें चकौड़ा एवं चने की भाजी, मक्का एवं ज्वार की रोटी, महुआ, गुड़ एवं मुर्रा के लड्डू, मेझरी की खीर, कोदो का भात शामिल थे। बांधवगढ नेशनल पार्क में भारी चहल पहल थी। यह चहल पहल आज भी रहेगी। पार्क के उप संचालक सिद्धार्थ गुप्ता ने बताया की इतनी भारी भीड़ पर्यटकों की होने के कारण सभी कर्मचारियों को एलर्ट कर दिया गया था कि पार्क के आसपास कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं घटे। उन्होंने बताया कि पर्यटक बाघ देखने के साथ यहां नव वर्ष मनाने मे विशेष उत्साह रख रहा था।