उमा भारती के बयान से सियासी हलचल तेज, सामने आया कप्तान सिंह सोलंकी का ट्वीट

Pooja Khodani
Published on -
उमा भारती

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।मध्य प्रदेश (MP Politics) की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (UMA Bharti) के शराबबंदी के ऐलान के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। एक तरफ जहां कांग्रेस इसका समर्थन कर रही है वही भाजपा नेता बयान पर सफाई दे रहे है।  इसी बीच अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले पूर्व राज्यपाल व भाजपा के वरिष्ठ नेता कप्तान सिंह सोलंकी ने उमा भारती के ट्वीट पर रीट्वीट कर नई बहस छेड़ दी है।इससे पहले कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह (Congress MLA Laxman Singh) का ट्वीट सामने आया था।

वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री ने अपने घर में लगाई फांसी, जांच में जुटी पुलिस

पूर्व राज्यपाल व भाजपा के वरिष्ठ नेता कप्तान सिंह सोलंकी (Kaptan Singh Solanki) ने ट्वीट कर लिखा है कि  लोकतंत्र जनमत से चलता है।लठ से नहीं ।यह हिंसा का हिस्सा है।क़ानून से भय पैदा किया जा सकता है, विचार नहीं बदले जा सकते।संस्कारों से विचार बदलने की ज़रूरत है॥इससे पहले कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह (Congress MLA) का ट्वीट सामने आया था, जिसमें उन्होंने उमा का सपोर्ट करते हुए कहा था कि “शराबबंदी”पर राजनीति फिर शुरू हो गई है,लोगों का असफलताओं से ध्यान हटाने वाली!अच्छा होगा अगर नेतागण भू माफिया के विरुद्ध मोर्चा खोलें। मैं लट्ठ लेकर आपके साथ चलने को तैयार हूं और लाखों गरीब भी साथ हो जायेंगे।क्या आप तैयार हैं?

MP Weather : मप्र में जारी रहेगा झमाझम का दौर, आज इन जिलों भारी बारिश का अलर्ट

दरअसल, शनिवार को मीडिया से चर्चा के दौरान उमा भारती (UMA Bharti) ने कहा कि शिवराज जी और वीडी शर्माजी का मानना है कि जागरूकता अभियान से शराबबंदी की जा सकती है। मैं अभी गंगाजी को गंगा सागर छोड़कर आऊंगी, तब तक मध्य प्रदेश में जागरुकता अभियान चलेगा। मध्य प्रदेश में 15 जनवरी 2022 के बाद शराब बंदी लागू होकर रहेगी, यही गंगा सागर से तय करके आऊंगी।  मेरा मानना है कि यह बिना लट्‌ठ के नहीं होगा। मुझे लट्ठ शब्द का प्रयोग करने का जरा भी रंज नहीं है क्योंकि सरकार के द्वारा सख्त कानून या महिलाओं का शक्तिशाली अभियान ही शराबबंदी कराएगा। यदि फिर भी लोग नहीं माने तो सड़क पर उतर जाऊंगी।इसके बाद से ही बयानबाजी जोर पकड़ने लगी है।

 


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News