मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र को लेकर उमंग सिंघार का बीजेपी सरकार पर निशाना, कहा ‘ज्यादातर सत्र दिनों की बजाए घंटों में निपट गए’

नेता प्रतिपक्ष ने MP विधानसभा सत्र को पूरी अवधि तक चलाने की माँग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता के मुद्दों से भाग रही है और सत्रों को निर्धारित 60 दिनों की जगह 15-20 दिनों में समाप्त कर देती है। इसी के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष से माँग की है कि आगामी सत्र को पूरा समय दिया जाए ताकि विधायकों को अपने क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने का पर्याप्त अवसर मिल सके। 

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Umang Singhar on Madhya Pradesh Assembly Sessions : नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र की अवधि को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने विधानसभा सत्रों की अवधि को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। 
सिंघार ने कहा कि एक साल में बजट, मानसून और शीतकालीन सत्र कम से कम 60 दिनों तक चलने चाहिए। लेकिन हकीकत यह है कि ये सत्र महज 15-20 दिनों में खत्म हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति दर्शाती है कि बीजेपी सरकार जनता के मुद्दों से भागती रही है।

उमंग सिंघार ने कहा कि विधानसभा सत्रों को पूरे कार्यकाल तक चलाने की आवश्यकता है और इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र तोमर को उचित व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के 20 साल के शासन में अधिकतर विधानसभा सत्र दिनों के बजाय घंटों में निपटा दिए गए। इसी के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र तोमर से अपील की कि इस बार सत्र को निर्धारित समय तक चलने दिया जाए।

MP विधानसभा सत्र की अवधि को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा

उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स लिखा है कि ‘विधानसभा सत्र अपने पूरे कार्यकाल तक चलें, अध्यक्ष जी ऐसे इंतजाम करें! बीजेपी के 20 साल के राज में विधानसभा के ज्यादातर सत्र दिनों के बजाए घंटों में निपट गए! साल में बजट, मानसून और शीतकालीन सत्र कम से कम 60 दिन चलना चाहिए। लेकिन ये 15-20 दिन ही चल पा रहे! एमपी की बीजेपी सरकार हमेशा जनता के मुद्दों से भागती रही है! यही वजह है कि हर बार बहाने से सत्र खत्म कर दिया जाता है। ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वो सभी विधायकों को अपनी बात कहने का पर्याप्त समय दे! ये जनता के प्रति उनकी जवाबदेही भी है! जनता के सवाल बढ़ रहे हैं और सत्रों की अवधि घटती जा रही है! क्षेत्र की समस्याओं पर सदन में चर्चा कम ही होती है। इससे जनता में संतुष्टी का भाव नहीं आता। इस बार विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र तोमर और सीएम को ऐसी व्यवस्था करना चाहिए कि सत्र अपने पूरे समय तक चले! विधायकों को अपनी बात रखने का पर्याप्त समय दिया जाए! जब विधायक सदन में अपनी बात रख सकेंगे, तभी विधानसभा सत्रों की सार्थकता भी साबित होगी।’

नेता प्रतिपक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को सभी विधायकों को पर्याप्त समय देना चाहिए ताकि वे अपने क्षेत्र के मुद्दों को सदन में रख सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार हर बार बहाने बनाकर सत्र को जल्द समाप्त कर देती है। साथ ही ये भी कहा कि विधानसभा सत्रों में क्षेत्रीय समस्याओं पर चर्चा न होने से जनता के बीच संतोष का भाव नहीं आता। इसी के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र तोमर से अपील की कि इस बार सत्र को निर्धारित समय तक चलने दिया जाए।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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