ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते ने फिर बचाई गुमशुदा नाबालिग की जान, सकुशल परिजनों को किया सुपुर्द

"ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते" जैसे अभियान इस बात का प्रतीक हैं कि रेलवे केवल यात्रा का माध्यम ही नहीं, बल्कि जीवन से जुड़ी संवेदनाओं का संरक्षक भी है।

रेल यात्रियों की सुरक्षा एवं सहायता के लिए रेलवे सुरक्षा बल द्वारा निरंतर सतर्कता बरती जा रही है। इसी क्रम में “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत भोपाल रेल मंडल में एक और मानवीय पहल सफलतापूर्वक अंजाम दी गई।

नाबालिग बालक अकेला और परेशान मिला 

01 जून 2025 को भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्रमांक 2/3 पर तैनात आरपीएफ स्टाफ आरक्षक योगेन्द्र शर्मा को एक नाबालिग बालक अकेला और परेशान अवस्था में मिला। पूछताछ करने पर बालक ने अपना नाम  उम्र 17 वर्ष, निवासी भोपाल बताया। बालक ने यह भी बताया कि उसका अपनी बहन से झगड़ा हो गया था, जिससे आहत होकर वह घर से बाहर निकल आया।

RPF ने दिखाई तत्परता 

रेल सुरक्षा बल द्वारा तत्परता दिखाते हुए बालक को तत्काल आरपीएफ पोस्ट, भोपाल लाया गया, जहां एसआईपीएफ संध्या चौधरी ने बच्चे से शांतिपूर्वक पूछताछ की और उसके बताए गए पते की पुष्टि की। बालक की जानकारी मिलने पर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य श्री धनीराम पवार को मोबाइल के माध्यम से सूचित किया गया।

“ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते”

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि सीडब्ल्यूसी के निर्देशानुसार नाबालिग बालक को उचित दस्तावेजी प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। यह कार्यवाही “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के अंतर्गत रेलवे की सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी के निर्वहन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा एवं उनके परिजनों से पुनर्मिलन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” जैसे अभियान इस बात का प्रतीक हैं कि रेलवे केवल यात्रा का माध्यम ही नहीं, बल्कि जीवन से जुड़ी संवेदनाओं का संरक्षक भी है।

 


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Sushma Bhardwaj

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