दिल्ली/भोपाल। यूपीएससी ने मध्य प्रदेश के डीजीपी के लिए नए नाम वाला पैनल भेजने से साफ इंकार कर दिया है और इसी के साथ मौजूदा डीजीपी वीके सिंह के पद पर बने रहने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
इससे पहले सात फरवरी को राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग को भेजे अपने पत्र में उस पैनल को अमान्य कर दिया था जिसमें डीजीपी पद के लिए तीन नाम की अनुशंसा की गई थी। इनमें एक नाम वीके जौहरी का भी है और राज्य सरकार का कहना है कि नियमों के मुताबिक वीके जौहरी का नाम शामिल नहीं किया जाना चाहिये। आयोज ने जिन तीन नामों का पैनल भेजा था उसमें इसमें मौजूदा डीजीपी सिंह समेत डीजी मैथीलीशरण गुप्त और केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर तैनात विवेक जौहरी का नाम भी शामिल था। लेकिन ये पैनल प्रदेश सरकार को रास नहीं आया और उसने अपने पत्र में साफ लिख दिया कि 18 नवंबर 2019 को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा जो पैनल भेजा गया था उसमें वीके जौहरी का भी नाम शामिल है। जबकि वीके जौहरी ने इस पत्र के लिए अपनी लिखित स्वीकृति प्रस्तुत नहीं की थी। वीके जौहरी का नाम पैनल में शामिल करना संघ लोक सेवा आयोग नई दिल्ली के दिशा निर्देशों के विरूद्ध है। अत: राज्य सरकार इस पैनल को अस्वीकार करती है। लेकिन यूपीएससी ने नए नामों का पैनल देने से इनकार करते हुए कहा है कि हस्तलिखित स्वीकृति की जरूरत उस समय होती है जब कोई प्रमोशन से इनकार कर रहा हो और इसी इसी को आधार बनाकर पैनल को अस्वीकार नहीं किया जा सकता।