भोपाल।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा शनिवार को प्रेसवार्ता कर बीजेपी और सिंधिया पर लगाए गए आरोपों के बाद एक बार फिर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने पलटवार किया है। शर्मा का कहना है कि कमलनाथ अपनी गलतियों का चिंतन और मंथन करने के बजाए नाकामी का ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ रहे हैं। जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने कांग्रेस मंत्रियों और विधायकों की नहीं सुनी, उनका अपमान किया और अब वह आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश की जनता उन्हें पूरी तरह समझ चुकी है। कमलनाथ को यह पता था की उनकी सरकार भ्रम और छल से बनी हुई सरकार है। इसलिए उन्होंने जनता की सेवा करने के बजाए 15 माह में सिर्फ अपनों को मेवा बांटने का काम किया।
शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अगर यह कहते हैं कि उन्हें विधायकों ने धोखा दिया तो उन्हें जनता को यह भी बताना चाहिए कि क्या उन विधायकों ने बार-बार पत्र लिखकर उनके साथ हो रहे भेदभाव और विकास कार्यों में अनदेखी की शिकायत उन्हें नहीं की ? विधायक हरदीप सिंह डंग ने उनकी हो रही उपेक्षा को लेकर सार्वजनिक तौर पर पत्र लिखें। क्या तब भी कमलनाथ ने उनसे बात करना मुनासिब नहीं समझा। विधायक मुन्नालाल गोयल ने विधानसभा के सामने धरना दिया, क्या मुख्यमंत्री रहते आपने वहां जाकर उनसे बात करने प्रयास किये ? शर्मा ने कहा कि कमलनाथ जी आपकी ही सरकार के वरिष्ठ मंत्री उमंग सिंगार ने सार्वजनिक तौर पर यह बताया कि दिग्विजय सिंह रेत और शराब माफिया की मुख्य भूमिका निभा रहे हैं तब आपको उनसे पूछने की जरूरत नहीं पड़ी?
शर्मा ने कहा कि विधायक अपने क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर कमलनाथ जी मिलने कोशिश करते लेकिन उन्हें मायूसी हाथ लगती थी। वें अपने क्षेत्र की जनता को जवाब नही दे पाते थे। कमलनाथ जी आपने मंत्रियों और विधायकों की अनदेखी की उनको अनसुना कर उनका अपमान किया। उनको धोखा देने के काम आपने किया। विधायकों और मंत्रियों ने उपेक्षा से क्षुब्ध होकर कांग्रेस छोड़ने का निर्णय लिया था, अब आप मंथन और चिंतन करने के बजाय आरोप लगा रहे हैं। आने वाले उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ऐतिहासिक जीत हासिल करेगी। कांग्रेस जिसे जनता ने 15 माह में ही नकार दिया उसे उपचुनाव में भी पूरी तरह नकार देगी। शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को सलाह देते हुए कहा कि आप आरोप प्रत्यारोप के बजाय प्रायश्चित करें तो बेहतर होगा।
22 करोड़ की राशी अटकाने का काम क्यों किया-वीडी
वीडी ने कहा कि कमलनाथ जी आपने कर्जमाफ़ी से किसानो को छलने का काम किया अगर हकीकत में किसानो की चिंता थी तो बताएं की उन्होंने किसानो के फसल बीमा की प्रीमियम के 22 करोड़ की राशी अटकाने का काम क्यों किया ? कमलनाथ यह कहते हैं कि उन्होंने प्रथम चरण में 50 हजार तक के 20 लाख 22 हजार किसानों का कर्ज माफ़ किया और दुसरे चरण में 60 लाख किसानो के 1 लाख रूपये के कर्ज माफ़ी के आदेश दिए। जबकि हकीकत में कर्ज माफ़ी के नाम पर कमलनाथ सरकार ने किसानों को नीले, पीले और हरे-गुलाबी फार्म प्रक्रिया में उलझा दिया।शर्मा ने कहा कि कर्ज माफी की राह तकते हुए किसान आत्महत्या को मजबूर हुए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के स्वयं गृह जिले में किसान कर्जमाफी न होने के कारण आत्महत्या की। प्रदेश में ऐसे अनेक जिलों में कमलनाथ सरकार की झूठी कर्जमाफी ने किसानो को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री से पूछा कि आपको अगर वास्तव में किसानो की चिंता थी तो आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ वर्ष 2018 तथा रबी वर्ष 2018-19 की फसल बीमा के देय प्रीमियम 22 सौ करोड़ का भुगतान बीमा कंपनियों को जारी किया, इस राशी को आपकी सरकार ने क्यों दबाये रखा ? आपने क्यों प्रदेश के 15 लाख किसानों को फसल बीमा की राशि से वंचित रखा? अगर किसानों की आपको चिंता थी तो जीरो प्रतिशत पर ब्याज पर ऋण की योजना को मुख्यमंत्री शिवराज ने फिर से शुरू किया उसे आपकी सरकार ने बंद क्यों की ? उन्होंने कि कर्ज माफ़ी के नाम किसानो को छलने वाले अब घडियाली आंसू बहा रहे है, लेकिन किसान इन सभी बातोँ के आपसे जवाब चाहता है ?
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