भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। विदिशा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ हुआ वाहन-4 पोर्टल (vehicle portal) 1 अगस्त से प्रदेश के सभी जिलों में लागू हो रहा है। मंगलवार को परिवहन अधिकारियों की बैठक कर परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Transport Minister Govind Singh Rajput) ने पोर्टल के संचालन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, ताकि व्यवस्था के संचालन में आमजन को कहीं कोई परेशानी ना आए। इस संबंध में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि वाहन-4 पोर्टल के प्रदेश में एक साथ शुरू होने से अब वाहन मालिकों को एक बड़ी राहत प्रदान होगी। उन्होंने बताया कि आज से प्रदेश के सभी परिवहन कार्यालयों में इसी प्रोर्टल के माध्यम से परिवहन के सभी कार्य संचालित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों की तरह अब मध्यप्रदेश भी वाहन-4 पोर्टल पर आ जाएगा।
राजपूत ने बताया कि ऐसा करने से मध्यप्रदेश एकीकृत वाहन पंजीयन व्यवस्था से जुड़ जाएगा जिसका लाभ वाहन मालिकों को मिलेगा, क्योंकि वाहन पोर्टल पर दर्ज की गई जानकारी अब दूसरे राज्यों के परिवहन अमले को भी जरूरत पड़ने पर दिखाई देगी। मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि इस व्यवस्था से जुड़ने का सबसे बड़ा लाभ होगा कि फर्जी अनापत्ति प्रमाण-पत्र के जरिए वाहनों का अंतरण नहीं हो सकेगा। साथ ही वाहन मालिकों को वाहन के सत्यापन से भी निजात मिल जाएगी। इसके अलावा गैर व्यवसायिक वाहनों के लिए परिवहन कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि अब आटोमोबाइल डीलर ही क्रेता की जगह स्वयं परिवहन कार्यालय में पंजीयन का आवेदन देगा।
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पीयूसी और टीआर से मिलेगी राहत
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि अब किसी एक जिले से वाहन खरीदने पर उसे दूसरे जिले में पंजीयन कराने पर टीआर (अस्थायी पंजीकरण) लेकर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डीलर पाइंट पर ही उसका रजिस्ट्रेशन मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि वाहन-4 पोर्टल से जुड़ जाने पर अब पीयूसी की जानकारी भी ऑनलाइन दिखाई देगी, इससे दूसरे राज्यों में वाहन ले जाने पर वाहन मालिकों को होने वाली परेशानी खत्म हो जाएगी।
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अब कही भी लगवा सकेंगे हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट :
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि अप्रैल 2019 के पहले के वाहन मालिक अब हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट नहीं होने पर देश में कही भी रजिस्टर्ड डीलर से इस प्लेट को लगवा सकेंगे। वाहन पोर्टल के जरिए, व्हीकल ट्रेकिंग डिवाइज और स्पीड गवर्नर भी चेक होने लगेंगे तथा अब वाहनों का टैक्स भी पोर्टल से जमा हो सकेगा। साथ ही वाहन के नई कीमतों के आधार पर टैक्स जमा होने से डीलर अब कीमतों पर मनमानी नहीं कर पाएंगे।