विंध्य में मजबूती की रणनीति, पूर्व विधायक समेत कई नेता कांग्रेस में शामिल

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भोपाल। विधानसभा चुनाव में कर्ज़माफी के वचन से सत्ता हासिल करने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए कोई चूक नहीं करना चाहती| यही वजह है कि विंध्य में हुए नुकसान को देखते हुए अब चुनाव से पहले कांग्रेस विंध्य में स्तिथि मजबूत करने में जुटी हुई है| कांग्रेस ने यहां भाजपा और बसपा को बड़े झटके दिए हैं| भाजपा के कद्दावर नेता राजेंद्र शुक्ला के भाई विनोद शुक्ला ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है| इससे पहले बसपा के पूर्व विधायक राजकुमार उरमलिया समेत कई नेताओं ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पार्टी में आने पर नेताओं का स्वागत किया। 

उरमलिया ने विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी को वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में हराया था। इसके बाद से वे सुर्खियों में आ गए थे। बीते विधानसभा चुनाव में बसपा ने टिकट नहीं दिया तो पार्टी छोड़ जनता दल सेक्युलर में शामिल हो गए। काफी कमजोर प्रदर्शन होने की वजह से उन्होंने अब जेडीएस भी छोड़ दिया है और कांग्रेस में शामिल हो गए। इनके साथ ही समाजवादी पार्टी के व्यापारी प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष अनिल सोनी ने भी कांग्रेस ज्वाइन किया है। रीवा जिले से एक और बड़े नाम ने कांग्रेस ज्वाइन किया।  त्योंथर की जनपद अध्यक्ष गीता मांझी ने एक दिन पहले ही बसपा से त्यागपत्र दिया था। भोपाल पहुंचकर उन्होंने भी करीब दर्जन भर बसपा नेताओं के साथ सदस्यता ले ली। गीता को बीते विधानसभा चुनाव में त्योंथर से बसपा ने प्रत्याशी बनाया था। इसके पहले भी बसपा के कई प्रमुख नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। जानकारी मिली है कि बसपा के करीब दो सौ से अधिक कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली है।


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