BHOPAL NEWS : नवीन व्यावसायिक शिक्षा – प्रशिक्षक महासंघ काफी लंबे समय से व्यावसायिक प्रशिक्षकों से संबंधित अपनी सात सूत्रीय मांगों को पूर्ण कराने के लिए सरकार से मांग कर रहे है। महासंघ की विभिन्न जिला इकाइयों द्वारा लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश के विभिन्न जिलों में चल रही यात्राओं में भी प्रमुखता से ज्ञापन सौंपे गए। वही प्रशिक्षक महासंघ ने प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों, मंत्रियों, विधायकों, सांसदों से भी संपर्क कर अपनी समस्या से अवगत करवाया है। अब एक बार फिर मध्यप्रदेश के शासकीय विद्यालयों में नवीन व्यावसायिक शिक्षा अंतर्गत कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षकों की माँगो हेतु मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
सी एम को लिखा पत्र
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लागू केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक नवीन व्यावसायिक शिक्षा (एन. एस. क्यू. एफ.) योजना मध्यप्रदेश के विभिन्न शासकीय विद्यालयों में में विगत 8-9 वर्षों से संचालित है। जिसमें व्यावसायिक प्रशिक्षकों/शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों में कौशल का विकास कर विद्यार्थियों को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को धरातल पर साकार करने में योगदान दिया जा रहा है।
परन्तु शासन की इतनी महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक व्यावसायिक शिक्षा में कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षकों की स्थिति दयनीय हो चुकी है। न ही कोई स्थाई नीति का निर्धारण हुआ। न ही कोई जॉब पॉलिसी बनी, न 8-9 वर्षों में सम्मानजनक वेतन वृद्धि हुई जबकि समान काम समान वेतन के हकदार व्यावसायिक प्रशिक्षक भी हैं जो व्याख्यता के बराबरी के पद है। हमारी माताओं बहनों को न ही मातृत्व अवकाश है न ही कोई मेडिकल अवकाश जैसे मूलभूत सुविधाओं से अब वंचित रखा गया। किसी भी कारण से सर्विस ब्रेक लगा दिया जाता है। कोई भी जॉब सिक्योरिटी नहीं प्राप्त हो सकी। इस बीच बहुतों को अपने जीवन से हाथ गवाना पड़ा उनके घर परिवार को आज तक शासन प्रशासन से आज तक कोई आर्थिक सहयोग प्राप्त ही सका। कोई भी बीमा योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सका। वर्तमान में प्रदेश के मुखिया जब बाकियों को सौगातें बाटने में लगे हुये है सभी को दोगुना तीनगुना तक वेतन दे रहे हैं और ढेर सारी अनेकों सुविधा भी तो हम व्यावसायिक प्रशिक्षकों का क्या कुसूर है हम भी मध्यप्रदेश के जागरूक नागरिक और कर्मचारी हैं जो शासन की रीढ़ बने बैठे हैं नई शिक्षा नीति 2020 में महत्वपूर्ण योगदान निभा रहे तो हमें हमारे अधिकारों से वंचित रखा जाएगा।