एक तरफ कोरोना (corona) का कहर जारी है वहीं उससे बचने के लिए नए नए उपायों पर भी लगातार विचार किया जा रहा है। इसी सिलसिले में फिर एक बार आयुर्वेद का सहारा लिया गया है, लेकिन इस बार कोई आयुर्वेदिक दवा या काढ़ा इत्यादि नहीं है। अब इम्युनिटी बूस्टर साड़िया (immunity booster saree) बनाई गई हैं जो बैक्टीरिया-वायरस से बचाव में कारगर सिद्ध हो सकती है।
इम्युनिटी बूस्टर आयुर्वस्त्र साड़ियां
मध्यप्रदेश हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम द्वारा ऐसी साड़ियों का निर्माण किया जा रहा है जिनमें आयुर्वेदिक औषधि, जड़ी-बूटी और विशेष मसालों का उपयोग हुआ है। दावा किया जा रहा है कि इन साड़ियों को पहनने से महिलाओं के शरीर पर बैक्टीरियल, वायरल या फंगल इन्फेक्शन नहीं होगा। इन इम्युनिटी बूस्टर साड़ियों को आयुर्वस्त्र नाम दिया गया है।
विशेष विधि से होती हैं तैयार
इनकी खासियत है इन्हें बनाने का तरीका। लौंग, बड़ी इलायची, काली मिर्च, चक्रफूल, जावित्री, दालचीनी सहित और कुछ प्राकृतिक मसालों और जड़ी बूटियों को लोहे के बड़े बर्तनों में कूटा जाता है फिर 48 घंटे से अधिक समय तक इन औषधियों की पोटली वाले पानी की भाप में कपड़ों का ट्रीटमेंट किया जाता है। इसी के साथ कुछ और विशेष प्रक्रिया के बाद करीब 6-7 दिन की मेहनत के बाद ये साड़ियां तैयार होती हैं।
यहां उपलब्ध हैं हर्बल साड़ी
इन हर्बल साड़ियों (herbal saree) की कीमत 3 से 5 हजार रूपये के बीच है और फिलहाल ये साड़ियां भोपाल और इंदौर के मृगनयनी एम्पोरियम में उपलब्ध हैं। जल्द ही इन्हें अन्य राज्यों के एम्पोरियम में भी सप्लाई किया जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं है कि इन साड़ियों का प्रभाव हमेशा रहेगा। कहा जा रहा है कि 4-5 धुलाई तक ही साड़ियों का इम्युनिटी पावर असर करेगा, इसलिये सलाह दी जा रही है कि इन्हें कम से कम धोया जाए और धोने के लिए भी हर्बल साबुन इत्यादि का प्रयोग करें।