भोपाल। मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की दबी हुई महत्वाकांक्षा सामने आई है। सागर की रहली में लोगों को संबोधित करते हुए गोपाल भार्गव ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों में हमारी सीटें कुछ ही कम रह गई ,चार विधायक और आ जाते तो मुख्यमंत्री आपके इलाके का ही होता। उसके बाद संभलते हुए गोपाल बोले कि या जिसे पार्टी जिसे तय करती । 1985 से विधानसभा में लगातार प्रतिनिधित्व कर रहे गोपाल का यह बयान बीजेपी में चल रही नेतृत्व की दौड़ का एक जीता जागता उदाहरण है। दरअसल शिवराज सिंह चौहान के लंबे मुख्यमंत्री काल के पास जब बीजेपी विपक्ष में आई तो शिवराज सिंह चौहान को चुनौती देने के लिए गोपाल भार्गव, कैलाश विजयवर्गी ,राकेश सिंह और नरोत्तम मिश्रा जैसे लंबे समय से प्रभावशाली राजनीति कर रहे नेता सक्रिय हो गए। यही कारण है कि आज बीजेपी उतनी एकजुट नजर नहीं आती जितनी सत्ता में रहते हुए थी और पार्टी की इसी खराब हालत का लाभ उठाते हुए कांग्रेस विपरीत परिस्थितियों के बाद भी धीरे-धीरे सत्ता में अपनी पकड़ मजबूत करती जा रही है।