भोपाल
मध्य प्रदेश इस समय कोरोना संक्रमण (corona) की चपेट में है। देश के टाप 5 राज्यों में शुमार हो चुके मध्य प्रदेश में इस वायरस की चपेट में आकर लगभग 175 लोग दम तोड़ चुके हैं और 2800 से ज्यादा संक्रमित हैं। बात अगर शहरों की करें तो भोपाल, इंदौर और उज्जैन सबसे ज्यादा संक्रमित जिले हैं । सरकार (government) पुरजोर कोशिश कर रही है कि इस पर नियंत्रण लगाए जाए और अधिकारियों को इससे निबटने के लिए हर मुमकिन प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन इन सबके बीच यदि ऐसे शहरों में प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले (transfer) हो जाएं तो फिर से क्या समझा जाए।
सोमवार को जारी हुई तीन आईएएस (IAS) अधिकारियों की एक सूची में न केवल इंदौर के नगर निगम कमिश्नर बदल दिए गए बल्कि उज्जैन के कलेक्टर शशांक मिश्रा को भी हटा दिया गया । इंदौर के नगर निगम कमिश्नर आशीष सिंह को उज्जैन का नया कलेक्टर बनाया है वही प्रतिभा सिंह जो श्योपुर कलेक्टर थीं, उन्हें अब नगर निगम इंदौर का नया कमिश्ननर बनाया गया है। लेकिन सवाल यह है कि आशीष सिंह जो कोरोना संक्रमण के समय लगातार नगर निगम की एक-एक गली मोहल्ले को जान चुके थे और लगातार जी जान से काम कर रहे थे ,उन्हें हटाने का यह निर्णय सरकार के लिए कितना मुफीद साबित होगा । वहीं दूसरी ओर श्योपुर से आई प्रतिभा पाल को इंदौर को समझने में ही कितना समय लग जाएगा, यह भी सहज समझा जा सकता है । इतना ही नहीं आशीष सिंह को भी उज्जैन जाकर कलेक्टर के रूप में कार्य करने में कम से कम 10 दिन तो काम समझने में ही लगेगा। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर इन तबादलों के मायने क्या है।