2600 रुपये MSP पर होगी गेहूं खरीदी, अब तक 5 लाख 17 हजार से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन, 31 मार्च है रजिस्ट्रेशन की लास्ट डेट

वर्तमान में कई जिलों में गेहूं की फसल कटाई पूर्ण नहीं होने तथा मंडियों में आ रहे गेहूं में MSP उपार्जन हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित नमी के प्रतिशत से अधिक होने के कारण किसानों को असुविधा से बचाने के लिए सरकार ने 1 मार्च की जगह 15 मार्च से खरीदी करने का निर्णय लिया गया है।

Atul Saxena
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Wheat will purchased at Rs 2600 MSP:  मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देना का निर्णय लिया है मुख्यमंत्री की घोषणा को आज कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी, अब इस बोनस के साथ मध्य प्रदेश सरकार इस साल 2600 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर गेहूं खरीदी करेगी। 

गेहूं उपार्जन के लिए मध्य प्रदेश में इन दिनों पंजीयन जारी है, सरकार ने पंजीयन की आखिरी तारीख 31 मार्च निर्धारित की है, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया है कि अभी तक 5 लाख 17 हजार 632 किसानों ने पंजीयन कराया है।

15 मार्च से 5 मई तक होगी उपार्जन केन्द्रों में गेहूं खरीदी 

मंत्री राजपूत ने किसानों से आग्रह किया है कि गेहूं  की बिक्री के लिए समय-सीमा में पंजीयन जरूर करायें। उन्होंने बताया है कि गेहूं की खरीदी उपार्जन केन्द्रों में 15 मार्च से 5 मई तक होगी। खाद्य मंत्री ने बताया कि गेहूं की खरीदी 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जायेगी। इसमें केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये है और 175 रुपये प्रति क्विंटल राज्य सरकार द्वारा बोनस दिया जा रहा है।

किसानों की मांग पर गेहूं खरीदी तारीख में हुआ बदलाव 

आपको बता दें रबी विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन पहले इंदौर, उज्जैन, भोपाल एवं नर्मदापुरम् में  01 मार्च से तथा शेष संभाग में 17 मार्च  से करने की तैयारी थी जिसमें किसानों मांग पर बदलाव करते हुए सभी संभागों में एक साथ 15 मार्च से ही खरीदी करने का निर्णय लिया है।

ये है अब तक जिलों में हुए पंजीयन की स्थिति  

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री के लिए बुरहानपुर में 31, खरगौन में 1616, बड़वानी में 99, अलीराजपुर में 46, खंडवा में 6079, धार में 15,940, झाबुआ में 2850, इंदौर में 27,075, मंदसौर 11,275, नीमच 3768, आगर-मालवा में 14,469, देवास में 26,904, रतलाम में 12,908, शाजापुर में 35,346, उज्जैन में 56,805, अशोकनगर में 1276, शिवपुरी में 1670, ग्वालियर में 1612, दतिया में 2288, गुना में 2199, भिंड में 2266, श्योपुर में 3260, मुरैना में 1025, जबलपुर 1471, बालाघाट 112, कटनी में 2093, पांढुर्णा 19, डिंडौरी में 658, छिंदवाड़ा में 3054, सिवनी में 8530, नरसिंहपुर में 6286, मंडला में 4598, हरदा में 1610, बैतूल में 3413, नर्मदापुरम में 27,222, विदिशा में 30,556, रायसेन में 31,197, राजगढ़ में 31,171, भोपाल में 17,182, सीहोर में 59,141, सतना में 2811, रीवा में 1894, सिंगरौली में 369, मऊगंज 94, मैहर में 924, सीधी में 1382, अनूपपुर में 103, उमरिया में 1447, शहडोल में 2246, पन्ना में 2416, निवाड़ी में 431, दमोह में 7636, टीकमगढ़ में 2705, छतरपुर में 3676 और सागर में 20,378 किसानों ने अब तक पंजीयन कराया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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