BHOPAL NEWS : रायसेन ज़िले में सोम फैक्ट्री में हुए बाल श्रमिक कांड में शराब के अवैध व्यापार के मास्टर माइंड माने जाने वाले अरोड़ा बंधु, जगदीश अरोड़ा और अजय अरोड़ा के ख़िलाफ़ आपराधिक सबूत सामने आ चुके है। सरकार के लिए चुनौती बन गए अरोड़ा बंधु पर कार्रवाई अब बेहद जरूरी है। सरकार जल्द ही बड़ा और कडा फैसला ले सकती है।
विवादों से है पुराना नाता
बताया जाता है कि दोनों भाइयों को शराब ठेके में फर्जी डिमांड ड्राफ्ट देने के कारण 2001 में रायपुर छत्तीसगढ़ में जेल में डाला गया था। वही धार ज़िले में ज़िला समिति ने सोम कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर काली सूची में डाल दिया था। फिर आखिर ठेके और शराब उत्पादन का कार्य यह कंपनी किसके संरक्षण में कर रही है।
इंदौर ज़िले में हुआ कूटरचित चालान कांड
वर्ष 2016 में इंदौर ज़िले में हुए कूटरचित चालान कांड में सूर्यप्रकाश अरोड़ा के नाम से रावजी बाज़ार थाने में प्रकरण दर्ज किया गया था। जिसकी ED जाँच कर रही है।बताया जाता है कि सूर्यप्रकाश अरोड़ा के पीछे इन्ही दोनों भाइयों का हाथ था।
सैनेटाइज़र कांड
कोविड के समय सैनेटाइज़र कांड में भी सेंट्रल जी एस टी ने अरोड़ा बंधुओं को जेल में डाला था, हाल ही में तेलंगाना सरकार ने सोम कंपनी को प्रदेश से बाहर का रास्ता दिखाया है।
जहरीली शराब
तमिलनाडु राज्य में जहरीली शराब की घटना में 18 लोग मर गए थे जिसके लिये सोम के एक मैनेजर कई दिनों से फ़रार थे मामले में चेन्नई हाई कोर्ट में प्रकरण चल रहा है।इस मामले की जड़ में भी दोनों भाइयों की मुख्य भूमिका है। बताया जाता है कि अभी भी एमपीएसआईडीसी को सोम ग्रुप से 580 करोड़ रुपये बकाया है। कर्ज पर कर्ज ले कर विदेशों में शराब निर्यात कर करोड़ों का मुनाफ़ा कमाने वाली इस कंपनी ने दिल्ली में भी ग़लत तरीक़े से शराब के ठेके लिए थे। जिसकी ED जाँच कर रही है। वही कांग्रेस के एक बड़े नेता के कारण छत्तीसगढ़ में शराब सप्लाई का ठेका लिया जिसमें गड़बड़ी पाये जाने पर ED की जाँच चल रही है।
डमी डाइरेक्टर राधेश्याम सेन की मौत की वजह सोम ग्रुप
सोम ग्रुप के डमी डाइरेक्टर राधेश्याम सेन ने कुछ दिन पहले अरोड़ा बंधुओं की प्रताड़ना के कारण आत्महत्या कर ली थी अपने वीडियो में स्पष्ट कहा है कि मेरी मौत के लिए जगदीश अरोड़ा अजय अरोड़ा एवं अनिल अरोड़ा ज़िम्मेदार हैं। परंतु टीटी नगर पुलिस ने सिर्फ मर्ग कायम कर जांच के नाम पर पीड़ित परिजनों को टरका दिया। टी टी नगर पुलिस केवल मामले में विवेचना कर रही है।और आरोपी घूम रहे हैं।
पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड ने सोम ग्रुप पर करोड़ों रुपये का जुर्माना
पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड ने सोम ग्रुप पर करोड़ों रुपये का जुर्माना ठोका था। परंतु फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ।आज भी फैक्ट्री का वेस्ट मटेरियल पीछे के रास्ते से खेतों में निकाला जा रहा है देखने वाला कोई नहीं है।
इनकम टैक्स छापे
इनकम टैक्स छापे में अरोड़ा बन्धुओं ने इनकम टैक्स अधिकारियों से भी छीनाझापटी की थी। अभी फिर से इनकम टैक्स का छापा पिछले साल पड़ा था जिसमें सभी डमी डाइरेक्टर की घरों की तलाशी भी ली गई थी। इनकी करोड़ों की प्रॉपर्टी बेनामी सम्पति ED के द्वारा सीज़्ड की गई है।
फ़र्ज़ी परमिट मामले में सोम के डायरेक्टरों को सजा
इंदौर के देपालपुर कोर्ट ने फ़र्ज़ी परमिट मामले में सोम के डायरेक्टरों को सजा सुनाई है। जिसके बाद आबकारी आयुक्त के द्वारा सोम डिस्ट्यूलरी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर स्पष्टीकरण माँगा था परंतु पैसे और प्रभाव के कारण आबकारी आयुक्त के द्वारा डिस्ट्यूलरी का लायसेंस वर्ष 24-25 के लिए फिर जारी कर दिया जिसमें नियम के विपरीत जा कर कार्रवाई की गई जब कि ऐसे मामले में तत्काल फैक्ट्री से शराब बनाने का काम रोकना था,अगर आबकारी आयुक्त ने लायसेंस जारी नहीं किया होता तो आज ये घटना नहीं होती। ग्वालियर मुख्यालय के आसवनी शाखा के सभी अधिकारी कोर्ट के आदेश के बाद भी लायसेंस देने में ज़िम्मेदार हैं। छोटे कर्मचारियों को निलंबित कर बड़े अधिकारियों को क्यों बचाया जा रहा है। मोहन सरकार अब इस मामले में एक्शन के मूड में आ गई है और जल्द ही बड़ी कार्रवाई इस ग्रुप के खिलाफ कर सकती है।