भोपाल। आज के समय में जब वफादारी या किसी के प्रति निष्ठा विरल बात है खासकर राजनीति में, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों का जाना एक इतिहास बन गया है। और उनमें भी एक महिला राजनेता ने तो सिंधिया के प्रति हमेशा अटूट निष्ठा जताई है। वो पहली ऐसी विधायक और मंत्री हैं जो हमेशा कहती रही हैं कि अगर महाराज जी कहेंगे तो कुएं में भी कूद जाऊंगी। हम बात कर रहे हैं इमरती देवी की, पिछले दिनों जब दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनसे कहा कि मैं इस्तीफा देने पर विचार कर रहा हूं और उनकी राय जाननी चाही तो इमरती ने कहा कि तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा। इतना सुनते ही सिंधिया की आंखों में आंसू आ गए, उन्होने इमरती देवी को गले से लगाकर कहा कि ये मेरा शेर है।
अब एक बार फिर इमरती देवी ने कहा कि महाराज जी जो कहेंगे हम वो करेंगे। उन्होने फिर दोहराया कि वो और बाकी सारे विधायक बेंगलुरू में अपनी मर्जी से गए थे और उनपर किसी का दबाव नहीं था।
इसी के साथ पूर्व मंत्री इमरती देवी ने कहा कि उन्होने डबरा को जिला बनवाने के लिये भी ये लड़ाई लड़ी है। उनका कहना है कि वो लगातार मांग कर रही थीं कि डबरा को जिला बनाया जाए, यहां कन्या महाविद्यालय बनाया जाए साथ ही कुछ और भी मांगे थीं लेकिन कमलनाथ सरकार में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। उन्होने कहा कि जो भी विकास कार्य हो रहे थे वो बस छिंदवाड़ा में किये जा रहे थे, छिंदवाड़ा में 12 हजार करोड़ के कार्य किये गए और डबरा विधानसभा में एक रूपये का काम नहीं हुआ। इसी तरह बाकि स्थानों की भी उपेक्षा की जा रही थी, इससे तो हम 10 साल विपक्ष में ठीक थे।
बता दें कि इमरती देवी लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीती हैं और तीसरी बार भी 60 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की है। उन्होने कहा है कि डबरा की जनता हमारे साथ है और हम जनता के साथ है इसीलिये अबकी बार बीजेपी के टिकिट पर चौथी बार भी जीत दर्ज करेंगी।