भोपाल
स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल के बारे में भोपाल जिला प्रशासन और मुख्य सचिव कार्यालय के द्वारा मानव अधिकार आयोग के रजिस्ट्रार (विधि) जेपी राव को रिपोर्ट भेज दी गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन अधिकारियों को कोरोना वायरस संक्रमण हुआ था , उन सभी की रिपोर्ट साथ में संलग्न की गई है। इन सभी की पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर इन्हें अस्पताल में ले जाकर आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था।
इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि पॉजिटिव रिपोर्ट प्राप्त सभी अधिकारी कर्मचारियों के उपचार में गाइडलाइन का पालन किया गया है लेकिन इस रिपोर्ट में हैरत की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल की कोरोना संक्रमण पॉजिटिव रिपोर्ट आने की तारीख 4 अप्रैल दी गई है और अधिकारियों ने जो प्रतिवेदन भेजा है उसके हिसाब से उन्हें 4 तारीख को ही अस्पताल में भर्ती करा दिया जाना चाहिए था। लेकिन 5 अप्रैल की वीडियो कॉन्फ्रेंस में वे मुख्यमंत्री के साथ बात करती नजर आ रही है और कह रही हैं कि मैं बिल्कुल स्वस्थ हूं और घर से ही काम कर रही हूं यानी कोरोना वायरस पाजिटिव होने के एक दिन बाद तक पल्लवी जैन अपने घर C 2/ 12 ,चार ईमली में मौजूद थी और वहीं से सारे कार्य कर रही थी ।साथ ही उनकी वीडियो कान्फ्रेन्सिन्ग की व्यवस्था करने वाला अमला भी वही मौजूद था। कोरोना वायरस में यह स्पष्ट निर्देश हैं कि संक्रमित व्यक्ति को तत्काल आइसोलेट किया जाए लेकिन पल्लवी जैन के मामले में ऐसा क्यों नहीं हुआ, यह समझ से परे है और जब खुद जिला प्रशासन के अधिकारी लिखकर दे रहे हैं कि पल्लवी को भर्ती करा दिया गया था तो फिर भी घर पर कैसे थी।