भोपाल। अपने सफर के 72 बरस पूरे कर चुके आलमी तब्लीगी इज्तिमा के जरिये शहर-ए-भोपाल के नाम एक साथ दो रिकार्ड दर्ज होने वाले हैं। कचरा मैनेजमेंट, सफाई और यहां इज्तिमा की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए दिल्ली से गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड और लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की टीमें खासतौर से भोपाल पहुंची हैं। यह टीमें गोपनीय तरीके से इन रिकार्ड के लिए किए गए दावे का परीक्षण करने में जुटी हुई हैं।
प्लास्टिक और पॉलिथिन प्रतिबंध के साथ होने वाले लाखों लोगों के मजमे वाले आलमी तब्लीगी इज्तिमा को इस साल जीरो वेस्ट आयोजन के रूप में स्थापित किया गया है। हर दिन निकलने वाले कचरे से गैस बनाने का काम यहां जारी है। इसके अलावा यहां की सफाई व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए और पूरे मजमे को बदबू रहित रखने के लिए भी खास प्रयास किए गए हैं। किसी बड़े धार्मिक समागम में इस तरह की व्यवस्थाओं को लेकर नगर निगम भोपाल ने इस आयोजन के लिए गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड और लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करने का दावा पेश किया है। जानकारी के मुताबिक इस दावे को लेकर भेजी गई चिी के आधार पर दिल्ली से दो अलग-अलग टीमें भोपाल पहुंची हैं। सूत्रों का कहना है कि इन टीमों में चार-चार सदस्य मौजूद हैं, जो इज्तिमागाह में अलग-अलग तौर पर परीक्षण कर दावे की प्रमाणिकता को चैक कर रहे हैं। गौरतलब है कि इस आयोजन को लेकर पिछले बरस यूएन की टीम को भी रिकार्ड दर्ज करने के लिए चिठ्ठी लिखी गई थी।
एक 15 दिन में दूसरा रिकार्ड 3 माह में
सूत्रों का कहना है कि जीरो वेस्ट और प्लास्टिक तथा कचरा मैनेजमेंट को लेकर किए गए दावे को लेकर लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड का फैसला 15 दिन में आ सकता है। इसी तरह गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की प्रक्रिया कुछ लंबी चलकर इसके परिणाम आने में तीन माह का समय लग सकता है।
निगमायुक्त बी. विजय दत्ता का कहना है कि नगर निगम की टीम, अधिकारियों की सक्रियता से ज्यादा मेहनत और इच्छा शक्ति इज्तिमा में शामिल हुए लाखों जमातियों की है, जिनकी वजह से यह काम आसान हो पाया। इस आयोजन से बनने वाले रिकार्ड के लिए शहर-ए-भोपाल की जनता और लाखों जमातियों को भी श्रेय दिया जाना मुनासिब होगा।