Women candidates dharna : भोपाल में आज शिक्षक भर्ती को लेकर महिला अभ्यर्थियों ने धरना दिया। लोक शिक्षण संचालनालय पहुंची इन महिलाओं का कहना था कि 2018 की अधूरी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए। इसी के साथ इन्होने आरोप लगाया कि ईडब्ल्यूएस वर्ग को पद न देना पड़े इसलिए शिक्षा विभाग ये सोची समझी साजिश कर रहा है।
रचना व्यास, रक्षा जैन, धीरज तिवारी, लोचन विश्वकर्मा, योजना वाघचोरे सहित कई अन्य महिलाएं पहले शिक्षा मंत्री के बंगले पर पहुँचीं। लेकिन वहां भारी पुलिस बल तैनात होने के कारण उनकी शिक्षा मंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद उन्होने लोक शिक्षण संचालनालय पहुंचक धरना दिया। इनका कहना है कि उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए पहली कॉउंसिल के बाद शेष रिक्त पदों पर अभी तक दूसरी कॉउंसलिंग नहीं कराई गई है। शिक्षक भर्ती के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रथम कॉउंसलिंग के शेष रिक्त पदों पर द्वितीय कॉउंसलिंग नहीं हुई है। जबकि वर्ष 2013 में प्रथम, द्वितीय और तृतीय काउंसलिंग तक आयोजित की गई थी।
धरने पर बैठी महिलाओं का कहना था कि इन पदों के लिए पात्र अभ्यर्थी उपलब्ध हैं। मध्यप्रदेश की सभी भर्तियों में पहली कॉउंसलिंग के बचे पदों को दूसरी कॉउंसलिंग द्वारा भरा जाता हैं, लेकिन इस बार स्कूल शिक्षा विभाग ने दोहरा मापदंड अपनाया हैं। इन अभ्यथियों ने पद वृद्धि के साथ इन पदों को भरने की मांग की। इन्होने ये आरोप भी लगाया कि ईडब्ल्यूएस वर्ग को पद न देना पड़े इसलिए विभाग ये सोची समझी साजिश कर रहा है। गौरतलब हैं उच्च माध्यमिक शिक्षक के प्रथम चरण में ईडब्ल्यूएस वर्ग के 90% पद रिक्त हैं व अन्य वर्गों सहित कुल 5935 पद अभी भी रिक्त पड़े हैं। साल 2023 की भर्ती में पदों की संख्या बहुत ही कम है।,पदों की संख्या इतनी कम होने से अभ्यर्थी पात्र होने के बाद भी नियुक्ति नही पा सकेंगे और आयु सीमा को पार कर चुके होंगे। इसीलिए अब अभ्यर्थियों ने आगामी चुनाव से पहले शिक्षक भर्ती 2018 को पूरा करने की माँग की हैं। इनका कहना है कि नोटिफिकेशन में जारी सभी पदों पर न्याय संगत रोस्टर जारी करते हुए मेरिट क्रम में पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाए।