किसान सम्मेलन में भड़के BJP अध्यक्ष वीडी शर्मा, कहा- ‘अवार्ड वापसी करने वालों से अवार्ड छीन लेना चाहिए’

Gaurav Sharma
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वीडी शर्मा

रीवा, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में बीजेपी द्वारा किसानों को कृषि बिल के बारे में जागरुक करने के लिए कई जिलों में किसान सम्मेलन (Farmers conference) का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (BJP State President VD Sharma) आज किसानों को कृषि कानून की बारिकियां समझाने रीवा पहुंचे। जहां वे एनसीसी (NCC) ग्राउंड में आयोजित किसान सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए। सम्मेलन के दौरान बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा अचानक भड़क उठे।

सीएम शिवराज और बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा पहुंचे रीवा

बता दें कि किसानों के समर्थन में कई लोग अपना अवार्ड वापस (Award return) लौटा रहे है। इसी को लेकर बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि ‘ऐसे देश के घातक लोगों से अवार्ड वापसी नहीं, बल्कि अवार्ड छीन लेना चाहिए।’ इस दौरान किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहे।

वीडी शर्मा ने किसान सम्मेलन में कही ये बातें

मध्यप्रदेश के रीवा जिले में किसान सम्मेलन में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (BJP State President VD Sharma) ने कहा कि ‘ये वहीं लोग है जो मोदी जैसे देश भक्त और देश के कर्मठ व्यक्ति जो देश की रक्षा के लिए, देश की सुरक्षा के लिए काम करते है, गरीब से लेकर किसानों के हितों के कल्याण के लिए खड़े है, उस गति को रोकने के लिए  अवार्ड वापस कर रहे है।’ आगे उन्होंने कहा कि ‘उनका क्या संबंध है किसानों के आंदोलन से, क्या संबंध है तुम्हारा खेती से, क्या संबंध है तुम्हारा किसानों से? आपका किसी से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन अवार्ड वापसी के लिए आप आगे खड़े हो गए और कहने लगे कि हम तो अवार्ड वापस करेंगे।’

अवार्ड छीन लेने का दिया बयान

वीडी शर्मा ने कहा कि ‘अभी तो आप अवार्ड वापसी की बात कर रहे है। मैं देश के प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं, कि ऐसी देश के घातक लोगों से अवार्ड वापसी नहीं, बल्कि इनसे अवार्ड छीन लेना चाहिए।’ साथ ही कहा कि इनसे कहना चाहिए कि तुम आज अवॉर्ड वापस करो, क्योंकि कल देश के अंदर इस प्रकार के लोग दुराव्यवस्था लाने का प्रयास करना चाहते है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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