Jabalpur News : रिश्वत आरोपी अधिकारी ले रहा था इंटरव्यू, कर्मचारी संघ ने उठाए सवाल

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने शिक्षा विभाग में पदस्थ जिस अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था वही जॉइंट डायरेक्टर, प्राचार्य एवं शिक्षकों का इंटरव्यू ले रहा था। इस पूरे मामले में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने अपनी आपत्ति जताई है। हम आपको बता दे कि जॉइंट डायरेक्टर राम मोहन तिवारी को हाल ही में जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने 21 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।

सीएम राइज स्कूल योजना के तहत हो रही है नियुक्ति

निजी स्कूलों को टक्कर देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों को भी बेहतर बनाने के प्रयास में जुटी हुई है। इसी के चलते प्रदेश में प्राचार्यो और शिक्षकों की भर्ती हो रही है।  जबलपुर में भी इस नियुक्ति को लेकर एक कमेटी बनाई गई  है जिसमें लोकायुक्त के द्वारा ट्रेप हुए जॉइंट डायरेक्टर राम मोहन तिवारी है जो कि इंटरव्यू ले रहे हैं।

लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश की उड़ी धज्जियां

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री योगेश दुबे के मुताबिक लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देश हैं कि कोई भी अधिकारी जिसके ऊपर लोकायुक्त या फिर गंभीर अपराधों की जाँच चल रही है वह इस योजना से जुड़े किसी भी कार्य में  शामिल नहीं होगा इसके बावजूद राम मोहन तिवारी कमेटी में शामिल होकर इंटरव्यू ले रहे हैं चर्चा ये भी है कि इस इंटरव्यू में उनको प्राथमिकता दी जा रही है जो कि अच्छा खासा पैसा दे रहा है।

प्रभारी अधिकारी भी विवादों में

सीएम राइज योजना के जबलपुर प्रभारी धीरेंद्र चुतर्वेदी भी विवादों में रहे हैं इसके बावजूद उन्हें इस नियुक्ति का जिम्मा सौंपा गया है, धीरेंद्र चुतर्वेदी 2004 से लेकर 2006 तक जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी रह चुके हैं इस दौरान उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने अपने स्वार्थ के लिए कक्षा 9 एवं 11 के पेपर आउट किए थे, जिस पर काफी बवाल मचा था हालांकि उसकी जाँच अभी भी लंबित है। इस केस में कई शिक्षक निलबिंत होने के बाद पुनः बहाल हो गए थे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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