रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के चलते चार पुलिसकर्मियों को किया गया सस्पेंड, राजधानी भोपाल से चौंकाने वाला मामला आया सामने

राजधानी भोपाल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पुलिस की वर्दी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। थाने के अंदर ही चल रहे भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले को उजागर किया गया है। इस मामले में चार पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है।

Rishabh Namdev
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐशबाग थाना क्षेत्र से एक बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल, यहां पुलिस विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है, जहां थाना प्रभारी सहित चार पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप के चलते मामला दर्ज किया गया है। इस घटना के सामने आने के बाद पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। हालांकि, कई बार पुलिस पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोप लगते हैं, लेकिन यह मामला थाने के भीतर का है, जिसके चलते यह और भी चौंकाने वाला है।

दरअसल, रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार जैसे मामले खाकी वर्दी पर से भरोसा उठाते हैं। अब इस मामले पर भोपाल पुलिस कमिश्नर भी शर्मसार नजर आ रहे हैं। यह पूरा मामला राजधानी भोपाल का है, जो उजागर होने के बाद लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का मामला दर्ज

जानकारी के मुताबिक, थाना प्रभारी जितेन गाडरवारा और पवन रघुवंशी समेत चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने कुछ आरोपियों को बचाने के लिए रिश्वत ली और कानून की वर्दी के साथ खिलवाड़ किया। वहीं, जांच के दौरान पवन रघुवंशी के घर से कई आपत्तिजनक सामग्री के साथ लाखों रुपए भी बरामद हुए हैं। इनके खिलाफ अन्य थानों में भी भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज की जा रही हैं, जिससे पुलिस प्रशासन की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका सामने आई

इस मामले को लेकर पुलिस उपयुक्त मुख्यालय श्रद्धा तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 28 तारीख को एक अपराध को लेकर मामला दर्ज किया गया था, जहां कुछ आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका सामने आई। जब इस मामले की जांच की गई, तो चौंकाने वाले इनपुट मिले, जिसके आधार पर जहांगीराबाद एसपी द्वारा कार्रवाई की गई और पुलिसकर्मियों के इस भ्रष्ट आचरण का खुलासा किया गया।

मौके से 4,94,000 रुपये की नगदी जब्त की गई

श्रद्धा तिवारी का कहना है कि अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सबूत मिले हैं, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया है। अब इस कार्रवाई में एक प्रमुख आरोपी अंशुल जैन भी शामिल था, जो पूरे मामले की डील करवा रहा था। मौके से 4,94,000 रुपये की नगदी जब्त की गई है। वहीं, इस मामले में चार पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है और उनके खिलाफ जांच भी शुरू कर दी गई है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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