बसों के पहिए पर लग सकता है ब्रेक, संचालक कर रहे 50 प्रतिशत तक किराया बढ़ाने की मांग

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना वायरस (corona virus) के कारण बसों (bus) के संचालन (operation) पर काफी असर (impact) पड़ा है। वही कोरोना के फैलते संक्रमण (Spreading of corona virus) के डर के चलते हैं लोग बसों (buss) से कम ही सफर (travel) कर रहे हैं। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (Bhopal City Link Limited) यानी कि बीसीएलएल (BCLL) की चार्टर्ड (Chartered) और अन्य साधारण बसों (Other Busses) में 20 प्रतिशत से ज्यादा यात्रियों (passengers) की संख्या नहीं बढ़ी है। कोरोना वायरस (corona Virus) को लेकर अभी तक लगातार घाटा झेल रहे बस संचालक (bus operation) जल्द ही मध्यप्रदेश में बसों का संचालन बंद करने का फैसला लेने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश प्राइम रूट बस एसोसिएशन (Madhya Pradesh Prime Route Bus Association) के अध्यक्ष का कहना है कि 1 हफ्ते के अंदर मिटिंग कर हड़ताल (strike) का निर्णय लिया जाएगा।

कोरोनावायरस चलते हैं नागदा, पुतलीघर आईएसबीटी और लालपुर जैसे बस स्टैंड (Bus Stand) पर जरा भी रौनक देखने को नहीं मिल रही है। बसों (bus) से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या बहुत ही कम है, जिसके चलते इन जगहों पर पहले की तरह चहल-पहल नहीं है। वहीं बस संचालकों का कहना है कि उनको उम्मीद थी कि शादियों के मुहूर्त (Wedding Season) शुरू होते ही यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी, लेकिन बसों में ज्यादा यात्री नहीं बढ़ पा रहे हैं। यही कारण है जो कुल 733 बसों में से सिर्फ 195 बसों का संचालन हो रहा है।

इधर मामले को लेकर बंस संचालक का कहना है कि मध्यप्रदेश शासन (Madhya Pradesh Government) द्वारा अप्रैल से लेकर सितंबर माह यानी की साढ़े 5 महीने का टैक्स माफ किया गया है, जिसके बाद सितंबर से भोपाल के साथ ही प्रदेश भर में बसों का संचालन दोबारा से शुरू किया गया था। लेकिन कोरोना के (Due to corona) चलते यात्रियों की संख्या नहीं बढ़ी है, जिससे हमें बहुत घाटे (Loss) का सामना करना पड़ रहा है। आगे संचालक ने बताया कि हमें हो रहे घाटे की पूर्ति करने के लिए शायद 50 फीसदी यात्री किराया भी बढ़ाना पड़ सकता है।

बता दें कि कोरोनावायरस के चलते अप्रैल से लेकर सितंबर तक के लिए बसों का संचालन बंद कर दिया गया था, जिसके कारण बस संचालन (Buss Operation) से जुड़े कर्मचारियों को आर्थिक समस्या (Financial Issues) का सामना करना पड़ रहा था। बस कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 5 सितंबर से प्रदेश भर में कोरोनावायरस के नियमों का पालन करते हुए बस संचालन शुरू कराने का फैसला किया था।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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