छतरपुर, संजय अवस्थी। अयोध्या (Ayodhya) में बनाए जा रहे राम मंदिर (Ram Mandir) के नींव में छतरपुर जिले के प्रकाशबम्हौरी और दिदवारा की स्टोन, गिट्टी और डस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। मंदिर निर्माण का कार्य कर रही एलएनटी कंपनी की तकनीकि टीम ने मटेरियल का चयन करने के लिए पिछले दिनों प्रकाशबम्हौरी और दिदवारा के क्रशरों से गिट्टी और डस्ट के 4-4 सैंपल लिए थे। बीएसआई के मानक के अनुरुप छतरपुर की ग्रेनाइट युक्त गिट्टी में स्ट्रेंथ पाए जाने के बाद तकनीकि टीम ने सैंपल पास कर दिया है। अब छतरपुर की गिट्टी राम मंदिर की नींव के निर्माण में उपयोग की जाएगी। इसके लिए शुरुआत में दो क्रशर संचालकों को सप्लाई ऑर्डर भी दिया गया है।
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एलएनटी कंपनी की तकनीकी टीम ने दी मंजूरी
राम मंदिर के लिए पहले कबरई-बांदा की गिट्टी व स्टोन डस्ट मंगवाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन उस इलाके में क्रेशर की संख्या कम होने के कारण पर्याप्त स्टोन गिट्टी व डस्ट उपलब्ध नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में छतरपुर से गिट्टी व स्टोन डस्ट की आपूर्ति कराने की योजना बनाई गई है, जिससे निर्माण कार्य निरंतर रूप से चलता रहे। छतरपुर के प्रकाशबम्हौरी और दिदवारा में पत्थरों की कटिंग के लिए तीन दर्जन क्रेशर लगे हैं। एलएनटी की ओर से दो अलग-अलग साइजों की गिट्टियों का सैंपल परीक्षण के लिए मंगवाया गया था। जिनमें एक साइज 20 एमएम की है और दूसरी 10 एमएम की है। जिसे गुणवत्ता के आधार पर पास किया गया है।
हजारों साल टिकने वाले मटेरियल का हो रहा इस्तेमाल
रामजन्मभूमि में रामलला के मंदिर निर्माण के लिए नींव खड़ा करने की प्रक्रिया से पहले नींव के नीचे 40 फीट गहराई तक खुदाई कर गड्ढे को रोलर से जमीन को लेवल कर दिया गया है। अब इस ग्रांउड के इम्प्रूवमेंट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसके लिए फील्ड मटेरियल की आपूर्ति का आर्डर दिया जा रहा है। एलएनटी ने अलग-अलग आपूर्तिकर्ताओं से निर्धारित मात्रा में सामग्रियों को लेने से पहले मंगवाकर परीक्षण कराया है। मंदिर निर्माण में ऐसी सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो हजारों साल तक टिकी रहे।राम मंदिर निर्माण के लिए टैक्नीकल टीम ने प्रकाशबम्हौरी और दिदवारा समेत आसपास के इलाके से पत्थर के सैंपल लिए थे। मिली जानकारी के अनुसार प्रकाश बम्होरी व दिदवारा के पत्थर की अच्छी स्ट्रेंथ को देखते हुए मंदिर निर्माण के लिए पास किया गया है। मंदिर निर्माण का काम एलएनटी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। कंपनी ने हमारे यहां के पत्थर को उपयुक्त पाया है। दो क्रशर संचालकों द्वारा गिट्टी-डस्ट की सप्लाई शुरु की गई है।
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