छतरपुर, संजय अवस्थी। छतरपुर के वनमण्डलाधिकारी अनुराग कुमार पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए छतरपुर वन विभाग के अंतर्गत काम करने वाले लगभग ढाई सौ कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। ज्यादातर कर्मचारियों में वनरक्षक और वनपाल शामिल हैं। मंगलवार को छतरपुर वन परिक्षेत्र के 43 कर्मचारियों ने मुख्य वन संरक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए 2 तारीख से सामूहिक अवकाश की जानकारी दी। इस ज्ञापन में कहा गया है कि डीएफओ अनुराग कुमार की कार्यप्रणाली के कारण सभी कर्मचारी पिछले कई दिनों से काम करने में असहज महसूस कर रहे हैं। डीएफओ झूठी शिकायतों के आधार पर बिना सही जांच कराए मनमाने तरीके वनकर्मियों पर कार्यवाही करते हैं जिससे झूठे शिकायतकर्ताओं को बल मिलता है। वन विभाग का उडऩदस्ता दल वर्तमान में वन अमले को जब्ती आदि में सहयोग नहीं करता बल्कि डीएफओ की जांच एजेंसी की तरह काम करता है जो कि अनुचित है। उन्होंने बताया कि कई वनकर्मियों को झूठी जांचों के आधार पर श्रमिकों की तरह प्रताड़ित किया गया और उनसे वसूली की कार्यवाही की गई। लगातार प्रताडऩा के कारण कई वनकर्मचारी मानसिक रूप से प्रताडि़त हैं इसलिए जिले की 6 रेंज के 250 कर्मचारी सामूहिक हड़ताल पर जा रहे हैं। सीसीएफ को ज्ञापन सौंपते हुए सभी कर्मचारी मंगलवार से ही अवकाश पर चले गए।
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डीएफओ बोले वसूली की कार्यवाही से बच रहे कर्मचारी
इस मामले में डीएफओ अनुराग कुमार का कहना है कि वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन एवं वन हानि के कई मामले सामने आए हैं जिसको लेकर विधिवत जांच कराई गई। खासतौर पर बड़ामलहरा रेंज में ऐसे कई मामले मिले हैं। नियमों के मुताबिक ऐसे मामलों में जिम्मेदारी संबंधित बीट के वनकर्मियों की होती है इसलिए जांच के बाद उनसे नुकसान की भरपाई कराई जा रही है। इसी वजह से कुछ वनकर्मी इसे प्रताडऩा का नाम दे रहे हैं।
डीएफओ अनुराग कुमार