Sun, Dec 28, 2025

खदान संचालक और एक्सप्लोसिव प्रोपराइटर के खिलाफ प्रकरण दर्ज, टला बड़ा हादसा, प्रशासन ने खदान की सील

Written by:Kashish Trivedi
Published:
खदान संचालक और एक्सप्लोसिव प्रोपराइटर के खिलाफ प्रकरण दर्ज, टला बड़ा हादसा, प्रशासन ने खदान की सील

छतरपुर, संजय अवस्थी। कल रात मध्य प्रदेश के छतरपुर (chhatarpur) में खदान संचालक और एक्सप्लोसिव मालिक की गलती से एक बड़ा हादसा होते होते बच गया। जानकारी मिलने के तुरंत बाद ही माइनिंग अधिकारी ने स्थान पर पहुंचकर खदान को सील कर दिया है और दोनों ही आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिए गए हैं।

आपको बता दें मध्यप्रदेश के लिए अवैध उत्खनन कोई नई बात नहीं है, खनन माफिया उनके मंसूबे इतने मजबूत हो चुके हैं कि अब ना तो उन्हें प्रशासन का डर रह गया है और ना ही सरकार का। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश से प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है लेकिन अभी भी इन पर पूरी तरह अंकुश लगाना नामुमकिन हो रहा है।

Read More : MP Transfer : IAS अधिकारी के तबादले, मिली नवीन पदस्थापना, आदेश जारी

जिस खदान को सील किया गया है वह लखेरी गांव में स्थित ओम साई राम क्रेशर के संचालक रुचिर जैन की है। जानकारी के मुताबिक रुचिर जैन ने भोला एक्सप्लोसिव के प्रोपराइटर हरीश पांडे से ब्लास्टिंग के लिए एक्सप्लोजन लिया। इस एक्सप्लोजिव्स का इस्तेमाल उन्होंने अपनी स्वीकृत खदान की सीमा से परे पत्थर निकालने के लिए किया।

ब्लास्ट इतना जोरदार था की क्षेत्र के समीप बने रेलवे ट्रैक पर पत्थर का मलबा जा गिरा और साथ ही पत्थर गिरने की वजह से ओवर हेड इलेक्ट्रिक लाइन( हाई एक्सटेंशन लाइन) को भी भरी नुकसान पहुंचा। इस वजह से ट्रेनों का आवागमन कई घंटों तक बाधित रहा और रेलवे को लगभग 80 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। इसके अलावा पास ही में बने एक किसान के घर पर पत्थर जा गिरे जिससे उसे लगभग 10 लाख rupay का नुकसान हुआ और उसकी जान पर भी आ बनी।

जानकारी के अनुसार जिस समय यह ब्लास्ट किया गया उससे मात्र 2 मिनट पहले ही एक सवारी गाड़ी उस ट्रक से गुजरी थी। लोगों का कहना है कि यदि यह ब्लास्ट मात्र 2 मिनट पहले हुआ होता तो न जाने कितनी जनहानि होने की संभावना बनती।

अवैध रूप से ब्लास्टिंग करने के आरोप में खदान संचालक और भोला एक्सप्लोसिव के मालिकों के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत खजुराहो थाना क्षेत्र में अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है। साथ ही माइनिंग अधिकारी द्वारा खदान को सील कर निरस्त करने की कार्रवाई की बात की जा रही है। इस पूरी कार्रवाई के दौरान स्पॉट पर प्रशासनिक अमले के अलावा रेलवे अधिकारी भी मौजूद रहे।