छिंदवाड़ा।
इन दिनों लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में लोकर्पण,शिलान्यास और उद्घाटन को लेकर जमकर सियासत गर्माई हुई है। हर कोई श्रेय लेने की होड़ में लगा हुआ है।इंदौर, भोपाल और ग्वालियर के बाद अब मामला सीएम के गृह जिले छिंदवाड़ा से सामने आय़ा है। जहां भूमिपूजन को लेकर भाजपाई और कांग्रेसी आपस में भिड़ गए और काफी देर तक दोनों में तूतू-मैंमैं होती नजर। विवाद बढ़ता देख पूर्व विधायक दीपक सक्सेना को मोर्चा संभालना पड़ा।
दरअसल, रविवार को शहर के वार्ड नंबर 37 में सड़क भूमि पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जहां बीजेपी पार्षद और कांग्रेस नेता आपस में भिड़ गये।कांग्रेस नेता का आरोप था कि अब कांग्रेस का शासन है और भूमिपूजन करने का हक अब हमारी सरकार को है। जबकि बीजेपी पार्षद का कहना था कि कार्यक्रम नगर निगम का है और उसमें बीजेपी की सरकार है। इसी बात पर दोनों में बहस हुई औऱ बात इतनी बढ़ गई कि वहां मौजूद सीएम कमलनाथ के लिये विधानसभा सीट छोड़ने वाले पूर्व विधायक दीपक सक्सेना को बीच में आना पड़ा। उन्होंने दोनों पक्षों को समझाइश देकर मामला शांत कराया। जब मामला शांत हुआ तो कांग्रेस नेता ने कहा कि निगम का कार्यक्रम है तो मंच संचालन किसी को भी करने दिया जाएगा, मतलब बीजेपी नेता को मंच संचालन पर भी एतराज था।
गौरतलब है कि यह पहला मामला नही है। इसके पहले भी इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में ऐसी स्थिति पनप चुकी है। हाल ही में भोपाल में विवेकानंद पार्क को लेकर भाजपा -कांग्रेस में जमकर विवाद हुआ था, बात पुलिस थाने तक पहुंच गई थी और दोबारा उदघाटन तक किया गया। वही ग्वालियर में हालात तो और बेकाबू हो चले थे। यहां अस्पताल में 1000 बेडो के कार्यक्रम को लेकर बीजेपी ने सड़कों पर उतककर प्रदर्शन किया। पुलिस को लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। इसमे ंकई भाजपाई घायल तक हो गए थे, लेकिन विवाद काफी दिनों तक चलता रहा। नेताओं ने एक दूसरे पर जमकर आरोप प्रत्यारोप लगाए।