कमलनाथ पर रामकृपा, छिंदवाड़ा में बोले पंडित प्रदीप मिश्रा

Gaurav Sharma
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Pradeep Mishra Chhindwada Katha : पंडित प्रदीप मिश्रा ने कमलनाथ के द्वारा बनाए गए हनुमान मंदिर को भगवान राम की कृपा का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा है कि जिस पर जनता की कृपा होती है वह संसद में बैठता है और जिस पर भगवान की कृपा होती है वह सत्संग पर बैठता है।पंडित प्रदीप मिश्रा छिंदवाड़ा में शिव पुराण कथा कहने आये हैं।

कमलनाथ पर राम कृपा

प्रख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कमलनाथ द्वारा सिमरिया में बनवाए गए हनुमान मंदिर को भगवान की कृपा बताया है। उन्होंने कहा है कि भगवान की कृपा अगर होती है वही व्यक्ति मंदिर बनाता है। कमलनाथ जी पर भगवान राम की कृपा है और उनके माता पिता के संस्कार हैं जो उन्होंने छिंदवाड़ा को यह सौगात दी। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जनता के द्वारा चुने हुए व्यक्ति संसद में बैठता है और भगवान की जिस पर कृपा होती है वह सत्संग मे बैठता है। पंडित प्रदीप मिश्रा 5 दिनों के लिए छिंदवाड़ा में शिव पुराण कथा कहने के लिए आये हैं। इसके पहले बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री भी छिंदवाड़ा में कथा वाचन कर चुके हैं।

हनुमान मंदिर को लेकर असमंजस

कुछ दिन पहले ही इस बात को लेकर विवाद हुआ था और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक बयान को लेकर एक यह स्थिति बनी थी जिसमें उन्होंने छिंदवाड़ा में बनाए गए हनुमान मंदिर को कमलनाथ के द्वारा बनाया नहीं बताया था। हालांकि बाद में यह बात साफ हुई थी कि शिवराज के द्वारा जिस मंदिर की बात की जा रही थी वह दूसरा था और कमलनाथ के द्वारा सिमरिया में बनाए गए मंदिर दूसरा। बीजेपी अक्सर कमलनाथ के ऊपर हिंदुत्व विरोधी होने का आरोप लगाती रही है। ऐसे में पंडित प्रदीप मिश्रा का यह बयान अपने आप में बेहद अहम हैं और इसलिए भी क्योंकि अब इस बयान की आलोचना करना किसी भी हिंदू नेता के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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