MP Tourism Patalkot : घूमना-फिरना हर किसी को पसंद होता है। इसके लिए लोग अपने बजट के अनुसार अलग-अलग टूरिस्ट डेस्टिनेशन सर्च करते हैं, जहां उन्हें एडवेंचर एक्टिविटीज का आनंद लेने का मौका मिल सके। बता दें कि घूमने फिरने से शरीर स्वस्थ रहता है। साथ ही मानसिक विकास भी होता है। आज हम आपको भारत में स्थित एक ऐसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन से रूबरू कराएंगे, जो कि किसी जन्नत से कम नहीं है।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्थित पातालकोट की, जो तामिया क्षेत्र में स्थित है। यह इलाका धरातल से करीब 3000 फीट नीचे स्थित है और लगभग 79 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
जड़ी-बूटियों का खजाना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस इलाके में 12 गांव बसे हुए हैं, जिन्हें पातालकोट कहा जाता है। ये गांव जमीन से काफी नीचे बसे होने के कारण अनोखा और रहस्यमय है। पातालकोट औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों का खजाना है, जिसकी डिमांड देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है।
नहीं पहुंचती सूरज की रोशनी
तामिया वन मंडल के एच.डी.के. बघेल के अनुसार, इस क्षेत्र में 1188 प्रजाति के वृक्ष, 110 झाड़ियां, 577 प्रकार के छोटे पौधे, 132 प्रजाति की बेलाएं, 144 प्रजाति के घास और बम्बू, 98 प्रकार की अलगी शैवाल, 63 प्रकार के फंजाई है। यहां जंगल इतने घने हैं कि सूरज की रोशनी भी गांवों तक ठीक से नहीं पहुंच पाती।
बनाए गए हैं होमस्टे
पातालकोट के अद्भुत नजारों का आनंद लेने के लिए आप व्यू प्वाइंट रातेड़ चिमटीपुर और गेलडुब्बा जा सकते हैं। यहां ग्रामीणों की सहायता से 12 होमस्टे बनाए गए हैं, जहां आप वैलनेस टूरिज्म का लुफ्त उठा सकते हैं। यहां जड़मादल, हर्रा कछार, सेहरा पचगोल, सुखा भंडारमऊ जैसे कुल 12 गांव हैं। इस स्थानों पर दिन में भी शाम जैसा नजारा होता है। पातालकोट चारों ओर से घने जंगलों और ऊंची-नीची पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो अपनी गहराई और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर है।