कोयला खदान मजदूरों के लिए यूनियनों का आंदोलन, प्रबंधन ने दिया आश्वासन

छिंदवाड़ा, विनय जोशी। कोयला खदान में मजदूरों के हितों में काम करने वाली यूनियनों ने शनिवार को अपने अपने अंदाज में आंदोलन किया। इंटक यूनियन ने खदान में जाकर भूख हड़ताल की तो बीएमएस, एटक, सीटू, एचएमएच ने मिलकर विजय साइडिंग में कोल परिवहन को रोक कर मजदूरो के हितों के लिए प्रबंधन से लड़ाई लड़ी।

वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड के पेंच क्षेत्र में स्थित नहेरिया भूमिगत कोल माइन्स में विगत दिनों जोरदार बारिश होने से खदान में पानी भर गया। इस कारण कोल उत्पादन बंद हो गया। लगातार पानी भरने से पेंच क्षेत्र की जीवनदायिनी खदान के बंद होने का खतरा मंडराने लगा और खदान में कार्यरत कामगारों के ऊपर ट्रांसफर का डर सताने लगा। प्रति दिन 1000 टन कोयला का उत्पादन करने वाली खदान वर्तमान में 150 टन का उत्पादन कर रही थी, जिसके कारण प्रबंधन को घाटा हो रहा था। कोल प्रबंधन की लापरवाही के चलते खदान से पानी निकालने के लिए उचित व्यवस्था नहीं करने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई। प्रबंधन इसी बहाने कामगारों को दूसरे स्थान पर ट्रांसफर कर मुक्ति पाना चाह रहा था। लेकिन क्षेत्र के विकास और मजदूरो के हितों के लिए श्रमिक यूनियनों ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ आंदोलन किया।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।